दुर्ग-भिलाई में पति-पत्नी ने किया 12 करोड़ की ठगी, फर्जी कंपनियों के जरिए निवेशकों को लगाया जाल

छत्तीसगढ़ के दुर्ग-भिलाई में पति-पत्नी ने शेयर बाजार में निवेश कर पैसे डबल करने का झांसा देकर सैकड़ों लोगों को करीब 12 करोड़ रुपए का चूना लगाया। आरोपी स्नेहांशु नामदेव और उसकी पत्नी डाली नामदेव ने निवेशकों को 40% मुनाफे का लालच देकर फर्जी कंपनियों के माध्यम से निवेश करवाया। शुरुआती महीनों में कुछ निवेशकों को वादा किया गया मुनाफा भी दिया गया, जिससे लोगों का भरोसा जीत लिया गया।

जालसाजी का खेल शुरू हुआ दो फर्जी कंपनियों से। पहली कंपनी का नाम निशा बिजनेस कंसल्टेंट प्रा. लि. और दूसरी यूनीक इन्वेस्टमेंट सॉल्यूशन रखा गया। इन दोनों कंपनियों का न तो SEBI से और न ही RBI से कोई पंजीकरण था, लेकिन बड़े-बड़े बोर्ड और आकर्षक विजिटिंग कार्ड के जरिए निवेशकों को यह भरोसा दिलाया गया कि यह वास्तविक निवेश फर्म है।

आरोपियों ने निवेशकों को यह वादा किया कि उनके निवेश पर हर महीने 20 से 40% तक मुनाफा मिलेगा और एक साल में रकम दोगुनी हो जाएगी। नए निवेशकों को जोड़ने के लिए अलग से कंसल्टेंट रखे गए, जिन्हें 10 से 15% तक कमीशन दिया जाता था। शुरुआती समय में भुगतान करने के बाद जैसे ही निवेश की रकम बढ़ी, आरोपी भुगतान रोककर फरार हो गए।

ठगी में संलिप्त पति-पत्नी ने अपने दोस्तों और परिचितों को मोहरे की तरह इस्तेमाल किया और मिरर इमेज तकनीक से फर्जी ट्रेडिंग अकाउंट की रिपोर्ट तैयार की। इन दस्तावेजों को वॉट्सऐप पर भेजकर निवेशकों को यह दिखाया गया कि उनका पैसा लगातार बढ़ रहा है।

पुलिस ने मामले का खुलासा किया और आरोपी पति-पत्नी समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया। इनके पास से जब्त किए गए कीमती सामान में हार्ले डेविडसन बाइक, टाटा कर्व कार, सोने-चांदी के जेवर, महंगे मोबाइल, फ्लैट के दस्तावेज, नकदी, कंप्यूटर और बैंक से जुड़े रजिस्टर शामिल हैं।

मामले की जांच कर रहे अधिकारियों का अनुमान है कि वास्तविक ठगी की रकम इससे भी ज्यादा हो सकती है, क्योंकि कई निवेशक अभी सामने नहीं आए हैं। पुलिस अब ठगी की रकम की वसूली के प्रयास कर रही है और आरोपी के बैंक खातों व संपत्तियों की जांच में जुटी है।

इस फर्जीवाड़े की कार्रवाई से यह संदेश गया है कि निवेशकों को किसी भी उच्च रिटर्न के वादे पर सतर्क रहना चाहिए और बिना पंजीकृत कंपनियों में निवेश से बचना चाहिए।

फर्जी निवेश के जाल में फंसे और लोग सामने आ सकते हैं

पुलिस का कहना है कि इस फर्जीवाड़े का शिकार और भी लोग सामने आ सकते हैं। मामले की जांच जारी है और ठगी की राशि 12 करोड़ से अधिक होने का अनुमान है। आरोपी अब न्यायिक हिरासत में हैं और संपत्तियों की जप्ती व रकम की वसूली की प्रक्रिया जारी है।

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