रायपुर के शंकर नगर में शराब दुकान खोलने को लेकर NSUI ने प्रदर्शन किया। छात्र संगठन का आरोप है कि शराब दुकान स्कूल और लाइब्रेरी के सामने खोली गई है, जो नियमों और सामाजिक आचार-व्यवहार के खिलाफ है। NSUI ने कहा कि सदाचार सिखाने वाली सरकार ने इस निर्णय के माध्यम से युवाओं और छात्रों के भविष्य पर नकारात्मक असर डाला है। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व NSUI के अनुज शुक्ला और हेमंत पाल ने किया।
NSUI ने बताया कि प्रदेश सरकार शिक्षा और सांस्कृतिक स्थलों की उपेक्षा करते हुए शराब पर ध्यान दे रही है। जहां सरकार 10,000 स्कूलों को युक्तिकरण के नाम पर बंद कर रही है, वहीं 67 नई शराब दुकानों की मंजूरी दे रही है। शंकर नगर में स्कूल और लाइब्रेरी के सामने शराब दुकान खोलना इस बात का संकेत है कि सरकार शिक्षा की बजाय शराब को बढ़ावा दे रही है।
छात्र संगठन ने मांग की कि शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक स्थलों के पास सभी शराब दुकानों को तुरंत बंद किया जाए। उन्होंने कहा कि युवाओं और छात्रों के हित में नीतियां बनाई जाएं, न कि उन्हें शराब जैसी बुराई की ओर धकेला जाए। NSUI ने यह भी सुझाव दिया कि सरकार शराब से होने वाले राजस्व की जगह रोजगार सृजन और शिक्षा पर अधिक ध्यान दे।
इस विरोध प्रदर्शन में जिला महासचिव गावेश साहू, वाइस चेयरमैन पुनेश्वर, जिला महासचिव रजत ठाकुर, लहरें विधानसभा उपाध्यक्ष अंकित बंजारे सहित कई छात्र कार्यकर्ता शामिल रहे। उन्होंने शांतिपूर्ण ढंग से अपने विरोध की आवाज उठाई और सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की।
छात्र संगठन का मानना है कि शैक्षणिक और सांस्कृतिक केंद्रों के पास शराब की दुकानों का होना समाज और युवाओं के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कदम समाज में नैतिक और सांस्कृतिक गिरावट को बढ़ावा देंगे। NSUI ने सरकार से अपील की कि शराब नीति में बदलाव कर समाज और युवाओं की भलाई को प्राथमिकता दी जाए।
इस आंदोलन के माध्यम से छात्र संगठन ने स्पष्ट संदेश दिया कि वे शिक्षा और संस्कृति के संरक्षण के लिए लगातार सक्रिय रहेंगे। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने शराब दुकानों को बंद नहीं किया तो संगठन भविष्य में और भी व्यापक प्रदर्शन करने से नहीं हिचकेगा।