गाजियाबाद के वेव सिटी में पुलिस ने शनिवार शाम कुख्यात अपराधी बलराम ठाकुर को मुठभेड़ में मार गिराया। बलराम अनिल दुजाना गैंग का सक्रिय सदस्य था और उस पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित था। हाल ही में उसने दो कारोबारियों से करोड़ों रुपये की रंगदारी मांगी थी, जिसके बाद पुलिस उसकी तलाश में जुट गई थी।
पुलिस के मुताबिक, मुठभेड़ वेव सिटी थाना क्षेत्र के अंडरपास पर हुई। जैसे ही बलराम ने पुलिस को देखा, उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में बलराम गंभीर रूप से घायल हो गया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मी भी घायल हुए।
एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह और क्राइम ब्रांच स्वॉट टीम प्रभारी अनिल राजपूत की टीम ने कार्रवाई अंजाम दी। बलराम ठाकुर की कई आपराधिक मामलों में संलिप्तता रही थी और वह लंबे समय से पुलिस की नजर में था।
पुलिस ने बताया कि 17 सितंबर को बलराम ने गाजियाबाद के दो कारोबारियों से रंगदारी की मांग की थी। मदन स्वीट्स के मालिक ब्रह्मपाल से 50 लाख और लोहे के कारोबारी अभिषेक से 25 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई थी। पैसे नहीं देने पर उसने जान से मारने की धमकी भी दी थी।
व्यापारियों ने पुलिस को जानकारी दी और पुलिस ने नंबर को सर्विलांस पर रखा। ट्रेसिंग के बाद पुलिस ने बलराम को घेरा और मुठभेड़ में उसे ढेर कर दिया। पुलिस ने बताया कि इस मुठभेड़ में बलराम ने पहले फायरिंग शुरू की, जिससे पुलिस वाहन को भी नुकसान हुआ।
पुलिस की तत्परता और रणनीति ने बचाई कई जानें
इस मुठभेड़ में पुलिस की तत्परता और रणनीति की मदद से बलराम ठाकुर को काबू में लाया गया। पुलिस ने कहा कि समय पर की गई कार्रवाई ने अन्य नागरिकों की जान और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की। बलराम की गिरफ्तारी और मुठभेड़ ने यह साबित कर दिया कि अपराध पर कड़ी कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के एनकाउंटर से अपराधियों में डर बढ़ता है और कानून के प्रति समाज में विश्वास कायम होता है। गाजियाबाद पुलिस की इस कार्रवाई ने शहर में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को मजबूत करने का संदेश दिया है।