अमेरिका में एच-1बी वीजा से जुड़े नए नियमों को लेकर फैली भ्रम की स्थिति पर ट्रंप प्रशासन ने साफ कर दिया है कि यह फीस वार्षिक नहीं बल्कि वन टाइम पेमेंट होगी। व्हाइट हाउस ने कहा कि यह नियम केवल नए वीजा आवेदकों पर लागू होगा, पहले से वीजा धारकों को इसकी चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
दरअसल हाल ही में घोषित नए नियमों में कहा गया था कि एच-1बी वीजा के लिए अतिरिक्त फीस चुकानी होगी। इस घोषणा के बाद बड़ी संख्या में भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स और अमेरिकी कंपनियों के बीच चिंता का माहौल बन गया था। उन्हें लगा कि यह फीस हर साल देनी होगी जिससे वित्तीय बोझ और बढ़ जाएगा। लेकिन अब प्रशासन ने स्थिति स्पष्ट कर दी है कि यह भुगतान केवल एक बार किया जाएगा।
अमेरिकी प्रशासन के मुताबिक, नई व्यवस्था से वीजा प्रक्रिया पारदर्शी और व्यवस्थित होगी। यह फीस प्रशासनिक खर्चों को कवर करने के लिए ली जाएगी और इससे इमीग्रेशन विभाग पर बोझ कम होगा। हालांकि, इस कदम को लेकर भारतीय समुदाय के बीच अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग मानते हैं कि वन टाइम पेमेंट से बोझ सीमित रहेगा, जबकि अन्य का कहना है कि फीस को कम किया जाना चाहिए।
एच-1बी वीजा भारतीय पेशेवरों के लिए बेहद अहम है। हर साल बड़ी संख्या में भारतीय आईटी इंजीनियर और अन्य विशेषज्ञ इस वीजा के जरिए अमेरिका जाकर काम करते हैं। कंपनियों का भी मानना है कि योग्य प्रोफेशनल्स को वीजा प्रक्रिया में अनावश्यक जटिलताओं से बचाना चाहिए।
इस स्पष्टीकरण के बाद वीजा धारकों और आवेदकों की चिंता कुछ कम हुई है। अब देखना होगा कि आने वाले समय में इस फैसले का वीजा प्रक्रिया और विदेशी प्रोफेशनल्स के रोजगार अवसरों पर क्या असर पड़ता है।