छत्तीसगढ़ में मौसम ने फिर खतरनाक रूप धारण कर लिया है। आगामी चार दिनों तक प्रदेश में तेज हवाओं, बिजली गिरने और बादलों की गरज के साथ हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है। राजधानी रायपुर में शनिवार को तेज धूप और उमस के बीच हल्की फुहारें पड़ीं, लेकिन गरियाबंद जिले में अचानक आए आंधी-तूफान ने अफरा-तफरी मचा दी। इस दौरान पुलिसकर्मी भी तेज हवाओं के बीच जान बचाकर इधर-उधर भागते नजर आए।
गरियाबंद में दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक रुक-रुककर मूसलाधार बारिश हुई। शाम होते-होते अचानक अंधड़ ने माहौल और भयावह बना दिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि तेज हवाओं और अंधड़ के चलते कहीं भी खड़े रहना मुश्किल हो गया। प्रशासन ने भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी।
मौसम विभाग ने रविवार को महासमुंद, धमतरी, गरियाबंद, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर और सुकमा जिले में आंधी-तूफान और बिजली गिरने का चेतावनी जारी की है। विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे बिजली लाइन, पेड़ और अन्य ऊंची जगहों के पास न जाएं, क्योंकि यह सुरक्षित नहीं है।
प्रदेश में अब तक बलरामपुर में सबसे अधिक 1472.9 मिमी बारिश दर्ज हुई, जो सामान्य से 55% अधिक है। वहीं बेमेतरा जिले में 491.6 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 51% कम है। अन्य जिलों जैसे बस्तर, रायगढ़ और राजनांदगांव में वर्षा सामान्य के आसपास रही।
मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि बिजली तब बनती है जब बादलों में मौजूद पानी की बूंदें और बर्फ के कण हवा के साथ रगड़ खाते हैं। कुछ बादलों में पॉजिटिव और कुछ में नेगेटिव चार्ज जमा होता है। जब ये विपरीत चार्ज वाले बादल आपस में टकराते हैं, तो बिजली धरती तक पहुंच सकती है। पेड़, धातु और पानी इसके लिए कंडक्टर का काम करते हैं।
आने वाले दिनों में प्रदेश में मौसम में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। तेज बारिश और बिजली गिरने की संभावना के चलते प्रशासन ने सभी जिला स्तर पर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।