हाथरस: जिले के कचौरा गांव निवासी टीवीएस एजेंसी के मालिक अभिषेक गुप्ता की 26 सितंबर को अलीगढ़ में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. यह वारदात उस समय हुई, जब अभिषेक अपने पिता और चचेरे भाई के साथ गांव लौटने के लिए बस में बैठने वाले थे. शुरुआती दौर में परिजनों ने महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती उर्फ पूजा शकुन पांडे और उनके पति अशोक पांडे पर हत्या का आरोप लगाया था, लेकिन वजह साफ नहीं हो पाई थी. अब इस पूरे हत्याकांड से जुड़ा बड़ा खुलासा सामने आया है.
परिजनों के मुताबिक, पूजा शकुन पांडे मूल रूप से हाथरस जिले के सिकन्दरा राऊ थाना क्षेत्र के कचौरा गांव की रहने वाली है, लेकिन फिलहाल अलीगढ़ में रह रही थी. 2017 में उसने सन्यास ले लिया था फिर उसके बाद 2021 में वह महामंडलेश्वर बन गई. कई साल पहले उसने अभिषेक को अपने प्रेम जाल में फंसा लिया और अलीगढ़ में ही अपने पास रखती थी. जबकि खुद शादीशुदा होने के साथ उसके दो बच्चे भी हैं. परिवार ने आरोप लगाया कि वह अभिषेक पर लगातार वह शादी का दबाव बनाती रही, जिसकी वजह से अभिषेक की अब तक शादी नहीं हो पाई. यहां तक कि अभिषेक के छोटे भाई की शादी भी हो गई.
परिजनों का कहना है कि पूजा शकुन पांडे. गाँव रिश्ते में अभिषेक की बुआ लगती थी, बावजूद इसके उसने इस रिश्ते को कलंकित किया. आरोप है कि उसके पास अभिषेक की कुछ आपत्तिजनक फोटो और वीडियो थे, जिनके जरिए वह उसे ब्लैकमेल करती थी. खुलासे में यह बात सामने आई कि ब्लैकमेलिंग सिर्फ शादी तक सीमित नहीं थी. पूजा शकुन पांडे अभिषेक पर अपनी टीवीएस एजेंसी में फ्री में पार्टनरशिप देने का दबाव भी बना रही थी. जब अभिषेक को उसके झूठे प्यार और ब्लैकमेलिंग का एहसास हुआ तो उसने पिछले कुछ महीनों से उसके घर जाना बंद कर दिया और नंबर भी ब्लॉक कर दिए.
यही बात पूजा शकुन पांडे को नागवार गुज़री. परिजनों का दावा है कि पूजा पहले ही धमकी देती थी कि अगर “तू मेरा नहीं हुआ तो मैं तुझे किसी और का भी नहीं होने दूंगी, मात्र 180 रुपये में दुनिया खत्म हो जाती है.” इसी के चलते उसने और उसके पति अशोक पांडे ने तीन लाख रुपये में शूटरों को सुपारी देकर अभिषेक की हत्या करवा दी.
ग्रामीणों ने बताया कि पूजा शकुन पांडे के नाम पर गांव में एक मकान है जिसे “श्रीराम भवन” कहा जाता है. ग्रामीणों का आरोप है कि यहां अनैतिक गतिविधियां होती थीं. अब ग्रामीण न सिर्फ इस हत्याकांड के सभी आरोपियों को फांसी देने की मांग कर रहे हैं बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से श्रीराम भवन पर बुलडोजर चलवाने की भी अपील कर रहे हैं.
अभिषेक गुप्ता हत्याकांड अब महज एक आपराधिक वारदात नहीं रह गया है, बल्कि इसमें रिश्तों के कलंक, प्रेम-प्रसंग, ब्लैकमेलिंग और सुपारी किलिंग जैसी परतें जुड़ती जा रही हैं. पुलिस की जांच इस केस में और भी बड़े खुलासे कर सकती है. हालांकि अलीगढ़ पुलिस ने अशोक पांडेय और एक सूटर को जेल भेज दिया है. ग्रामीणों और परिजनों की सीधी मांग है कि दोषियों को जल्द से जल्द सख्त से सख्त सजा दी जाए.
यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं बल्कि रिश्तों के टूटने और लालच-हवस के खतरनाक रूप का उदाहरण है, जिसने एक युवा व्यापारी की जान ले ली.