वीडियो से की गई छेड़छाड़… पीएम मोदी की मां को गाली वाले VIDEO पर बोली RJD

बिहार में चुनावी माहौल के बीच सत्ता और विपक्ष के बीच जमकर आरोप- प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. एक बार फिर पीएम मोदी की मां को कथित तौर पर गाली देने को मामला सामने आया है. बीजेपी आरोप लगा रही है कि बिहार में लोकतंत्र का लोकतंत्र शर्मसार हो रहा है. उनका आरोप है कि आरजेडी की सभा में पीएम मोदी की मां को गाली दी गई है. अब इस पूरे मामले पर आरजेडी की तरफ से सफाई सामने आई है. इसमें बताया कि जो वीडियो बीजेपी की तरफ से शेयर किया जा रहा है. उसके साथ छेड़छाड़ की गई है.

वायरल वीडियो को लेकर बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने विपक्ष को पर हमला बोला है. सम्राट चौधरी ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि बिहार अपने आप में शर्मसार हो रहा है. लोकतंत्र की जननी बिहार बदनाम हो रहा है. RJD और कांग्रेस सत्ता में नहीं है मगर उनके गुंडे प्रधानमंत्री की मां को गाली दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि जब यह सत्ता में नहीं है तब यह देश के प्रधानमंत्री को गाली दे रहे हैं. जब यह सत्ता में आ जाएंगे तब सोचिए किस तरह का जंगल राज दिखाएंगे. जंगल राज और आतंक फिर से स्थापित होगा. बिहार का गौरव तार-तार हो जाएगा, हमारी माताओं और बहनों के साथ भी इसी तरह दुर्व्यवहार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि लालू परिवार को मैं चेतावनी देता है कि माफी मांगे और कांग्रेस पार्टी भी माफी मांगे.

पूरे मामले पर क्या बोले तेजस्वी यादव?

पूरे मामले पर तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने पहले भी कहा है फिर कह रहे हैं. मां तो मां होती है. ये अच्छी बात है जिन लोगो ने मां के ऊपर उंगली उठाने का काम किया है, आरोप लगाया उनको जेल जाना चाहिए. केंद्र सरकार से अपील करते है उसको तुरंत जेल भेजें.

आरजेडी की सफाई आई सामने

वायरल वीडियो और कथित गाली देने के आरोप पर आरजेडी नेता मनोज कुमार झा ने सफाई पेश की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि बिहार चुनाव प्रचार में भारतीय जनता पार्टी द्वारा संपादित और भ्रामक वीडियो का एक बार पुनः सहारा लेना हताशा का स्पष्ट संकेत है. चुनाव जवाबदेही के क्षण होते हैं—जहां पार्टियां अपने रिकॉर्ड, दृष्टिकोण और विचारों को जनता के सामने रखती हैं. इसके बजाय, हम जो देख रहे हैं वह एक ध्यान भटकाने वाली रणनीति है जो भड़काने, गुमराह करने और ध्यान भटकाने के लिए बनाई गई है. जब सत्ता में बैठी कोई पार्टी, अपने विशाल संसाधनों के साथ, संवाद के बजाय तोड़-मरोड़ में निवेश करना चुनती है, तो यह आत्मविश्वास नहीं, बल्कि असुरक्षा को उजागर करता है.

 

उन्होंने आगे लिखा कि बाहर उन मुद्दों पर गंभीर बहस का हकदार है जो मायने रखते हैं. अपने बेचैन युवाओं के लिए रोजगार के अवसर, पलायन के चक्र को उलटना और स्वास्थ्य एवं शिक्षा के बुनियादी ढांचे में सुधार. इनमें से किसी भी जरूरी चिंता का समाधान डिजिटल छल या छेड़छाड़ किए गए बयानों से नहीं हो सकता. वास्तव में, बीजेपी नेतृत्व जितना ज़्यादा हेरफेर की गई सामग्री को बढ़ावा देता है, उतना ही वह शासन के माध्यम से विश्वास जगाने में अपनी विफलताओं को स्वीकार करता है.

आगे लिखा कि बिहार के लोगों का राजनीतिक हथकंडों को समझने का इतिहास रहा है. उन्होंने बार-बार दिखाया है कि वे प्रचार के निष्क्रिय प्राप्तकर्ता नहीं, बल्कि प्रदर्शन के सक्रिय निर्णायक हैं. यदि संपादित वीडियो किसी अभियान का मुख्य आधार बन जाते हैं, तो यह विपक्ष नहीं बल्कि सत्तारूढ़ दल है जो पहले ही नैतिक लड़ाई हार चुका है.

वीडियो तोड़ मरोड़ कर किया जा रहा पेश- मुकेश रोशन

आरजेडी नेता मुकेश रोशन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि तेजस्वी प्रसाद यादव आज महुआ में बिहार अधिकार यात्रा के दौरान जो भाषण दे रहे हैं वो मेरे Facebook पेज पर है. सुन सकते हैं उसमें किसी भी कार्यकर्ता या कोई आदमी माननीय प्रधानमंत्री जी को गाली गलौज नहीं किया है.

बीजेपी के लोग जो वीडियो डाल रहे हैं उसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के भाषण का आवाज भी नहीं है. ये वीडियो में ऑडियो तोड़ मरोड़ कर बदनाम करने की साजिश रची गई है.

वीडियो एडिट कर किया जा रहा शेयर- शक्ति सिंंह

आरजेडी नेता शक्ति सिंह यादव ने बीजेपी की तरफ से शेयर किए गए वीडियो पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की लाचारी देखकर हंसी आती है एडिटेड वीडियो का सहारा लेकर, बीजेपी चाहती है कि मुद्दों की राजनीति बिहार में ना चले.

उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहार के मुद्दों पर जो सवाल रखा है उसे 1 इंच भी हम आपको हिलने नहीं देंगे. गाली की संस्कृति आपके यहां है, एक गाली का डिक्शनरी है , जो भाजपा अध्यक्ष है. एक उपमुख्यमंत्री है जो कहते हैं हम गाली देकर नेता बने हैं. एडिट वीडियो का सहारा ले रहे हैं आप कल का, ओरिजिनल है जो संस्थान इस वीडियो को जगह देगी ऐसा नहीं कि हम चुप बैठने वाले हैं, ऐसा भी नहीं है कि हम कानूनी सहारा नहीं लेंगे.

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