‘महुआ विधायक पागल हो गए हैं, मेरी बहन, मां…’, जानें क्यों भड़क गए तेज प्रताप यादव

बिहार में राजनीतिक विवाद एक बार फिर गरमाता दिख रहा है. आरजेडी नेता रोहिणी आचार्य के X (पूर्व ट्विटर) पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व बिहार मंत्री तेज प्रताप यादव ने तीखा बयान दिया. उन्होंने कहा, ‘जो भी मेरी बहन, मेरी मां या प्रधानमंत्री मोदी की मां के लिए इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करता है, वह पागल हो गया है. महुआ विधायक पागल हो गए हैं. उन्हें नहीं पता कि वे क्या कह रहे हैं.’

तेज प्रताप ने आगे कहा कि वे बिहार सरकार और केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि उनकी पार्टी, जनशक्ति जनता दल और बिहार गठबंधन तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जब तक आरोपी को जेल नहीं भेजा जाता. इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारे में फिर से चर्चा छिड़ गई है और रोहिणी आचार्य के पोस्ट को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है.

रोहिणी आचार्य के X पोस्ट के बाद यह विवाद सामने आया, जिसमें उनके द्वारा किए गए शब्दों को लेकर तेज प्रताप यादव ने बेहद गंभीर प्रतिक्रिया दी. उनका यह बयान सोशल मीडिया और राजनीतिक मंचों पर वायरल हो गया है.

उधर, बीजेपी ने आरोप लगाया है कि आरजेडी की ‘बिहार अधिकार यात्रा’ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत मां पर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया. यह आरोप तेजस्वी यादव की रैली को लेकर लगाए गए हैं. वहीं, आरजेडी ने इन दावों को सिरे से खारिज करते हुए इसे बीजेपी की राजनीतिक साजिश बताया है.

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो साझा करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव ने एक बार फिर बिहार की संस्कृति को चोट पहुंचाई. उन्होंने आरोप लगाया कि रैली में आरजेडी कार्यकर्ता अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे थे और तेजस्वी यादव उन्हें प्रोत्साहित कर रहे थे. उन्होंने इसे लोकतंत्र का अपमान बताया और कहा कि बिहार की माताएं और बहनें इस तरह की मानसिकता का जवाब जरूर देंगी.

विजय सिन्हा और नित्यानंद राय का आरोप
अन्य उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने भी कहा कि पीएम की मां के खिलाफ अपशब्द तेजस्वी यादव की मौजूदगी में ही बोले गए. उन्होंने इसे आरजेडी के नेतृत्व की सोच और मानसिकता का संकेत बताया. वहीं केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव और उनके कार्यकर्ता अभद्र भाषा में निपुण हो चुके हैं. उन्होंने इसे जनता की असंतुष्टि और निराशा का परिणाम बताया.

बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह घटना चुनावी माहौल को प्रभावित करने की कोशिश का हिस्सा है, जबकि आरजेडी इसे राजनीतिक आरोपों और प्रचार का माध्यम मान रही है.

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