छत्तीसगढ़ में आयकर दाता और बड़े भू-स्वामी फर्जी बीपीएल राशनकार्ड पर पकड़े गए

छत्तीसगढ़ में आयकर दाता और बड़े भू-स्वामी गरीबी रेखा राशन कार्ड का फर्जी लाभ उठा रहे थे। खाद्य विभाग ने प्रदेशभर में ऐसे 62 हजार 813 लोगों की पहचान की है, जिन्होंने फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर राशनकार्ड बनवाकर तीन साल से हर महीने चावल उठा रहे थे। राजधानी रायपुर में अकेले 10,361 आयकर दाताओं के फर्जी कार्ड पाए गए हैं। इसके अलावा 640 जीएसटी दाता और 29 लाख 83 हजार 738 किसान जिनके पास एक हेक्टेयर से अधिक जमीन है, ने भी बीपीएल राशनकार्ड बनवाया।

सरकार ने ऐसे लोगों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। वन नेशन वन कार्ड योजना के तहत ई-केवाईसी, आधार लिंक बैंक खाता और पैन कार्ड के सत्यापन से यह जानकारी सामने आई। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि 1,05,590 निष्क्रिय आधार धारकों के नाम पर भी राशनकार्ड बनाए गए थे और कई जिलों में इनसे राशन उठाया जा रहा था। बिलासपुर, कवर्धा, जशपुर और रायपुर में हजारों ऐसे कार्ड सक्रिय पाए गए।

खाद्य संचालनालय ने संबंधित जिलों को निर्देश दिए हैं कि इन राशनकार्डों की फिजिकल जांच कर फर्जी सदस्यों को नोटिस जारी किया जाए। साथ ही, वर्षों से उठाए गए राशन की वसूली की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। जिन राशन दुकानों या अधिकारियों की लापरवाही सामने आएगी, उनके खिलाफ विभागीय जांच भी की जाएगी।

जिलेवार आंकड़ों के अनुसार, रायपुर में 10,361 आयकर दाता, 123 जीएसटी दाता और 1,12,956 बड़े भू-स्वामी फर्जी लाभार्थी पाए गए। बिलासपुर में 6,074 आयकर दाता, 36 कारोबारी और 1,26,041 बड़े भू-स्वामी; दुर्ग जिले में 6,339 आयकर दाता, 71 कारोबारी और 79,446 भूमि स्वामी; सरगुजा में 2,586 आयकर दाता, 11 कारोबारी और 75,277 बड़े भू-स्वामी; और बस्तर जिले में 1,185 आयकर दाता, 9 कारोबारी और 57,097 भूमि स्वामी शामिल हैं।

राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि ऐसे लोग सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले सकेंगे। फर्जी राशनकार्ड बनाए जाने वाले लोगों को नोटिस जारी कर उनके द्वारा उठाए गए राशन की वसूली भी की जा सकती है। खाद्य नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा ने कहा कि अब आगे पात्रता जांच और कड़े कदम उठाए जाएंगे ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक ही पहुंचे।

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