ब्रिटेन ने फिलिस्तीन को आजाद देश के तौर पर मान्यता दी है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने इसकी घोषणा की. ब्रिटेन के साथ कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने भी फिलिस्तीन को मान्यता दी. फ्रांस भी जल्द ही ऐसा करने वाला है. भारत-चीन समेत दुनिया के 140 से ज्यादा देश फिलिस्तीन को देश की मान्यता दे चुके हैं. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इससे इनकार कर चुके हैं.
इजराइल के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि फिलिस्तीन को देश के रूप में मान्यता देना हमास को इनाम देने जैसा है. हमास को ब्रिटेन में मौजूद मुस्लिम ब्रदरहुड से हिम्मत मिल रही है. हालांकि स्टारमर ने कहा यह फैसला हमास की जीत नहीं है. उसे भविष्य में फिलिस्तीन सरकार में कोई भूमिका नहीं दी जाएगी. शांतिपूर्ण भविष्य जरूरी है कि हमास बंधक बनाए गए सभी लोगों को रिहा करे. इजराइल भी फिलिस्तीनियों की मदद के लिए गाजा में लगाए प्रतिबंध हटाए.
कनाडा, फिलिस्तीन को मान्यता देने वाला पहला G7 देश
ब्रिटेन के ऐलान से कुछ ही देर पहले कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने फिलिस्तीन को आजाद देश के रूप में मान्यता दी. कनाडा फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश के तौर मान्यता देने वाला पहला G7 देश बना है. कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने उम्मीद जताई कि इजराइल और फिलिस्तीन दोनों को शांतिपूर्ण भविष्य मिलेगा. ऑस्ट्रेलियाई PM एंथनी अल्बानीज ने कहा कि फिलिस्तीन को राज्य की मान्यता देना कनाडा और ब्रिटेन के साथ मिलकर किया गया कदम है. यह एक अंतरराष्ट्रीय प्रयास है ताकि दो अलग-अलग देशों का समाधान मिल सके.
ब्रिटिश PM स्टारमर ने कहा कि मध्य पूर्व में बढ़ते हिंसा के बीच हम शांति बनाए रखने और दो देशों के समाधान की कोशिश कर रहे हैं. इसका मतलब है कि एक सुरक्षित इजराइल के साथ-साथ एक स्वतंत्र फिलिस्तीन भी होना चाहिए. जुलाई में ब्रिटेन ने कहा था कि अगर इजराइल ने हमास से युद्ध नहीं रोका तो ब्रिटेन फिलिस्तीन को देश के रूप में मान्यता देगा.
संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव पेश हो चुका
फ्रांस ने 13 सिंतबर को संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें फिलिस्तीन मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान और दो-देश (टू-स्टेट) योजना का समर्थन किया गया था. प्रस्ताव को भारत समेत 142 देशों ने समर्थन दिया. 10 देशों ने विरोध में वोट दिया और 12 देश मतदान से दूर रहे. अमेरिका, अर्जेंटीना, हंगरी, इजराइल, माइक्रोनेशिया, नाउरू, पलाऊ, पापुआ न्यू गिनी, पैराग्वे और टोंगा ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया.
ब्रिटेन ने आज मान्यता क्यों दी?
ब्रिटेन ने रविवार को मान्यता दी, जबकि फ्रांस और कई दूसरे देश सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान ऐसा करेंगे. इसकी वजह यह है कि सोमवार शाम से यहूदी त्योहार रोश हशाना शुरू हो रहा है. इजराइली इस पवित्र दिन को मनाते हैं और उसी समय फिलिस्तीन को मान्यता देना कुछ लोगों को बुरा लग सकता था. दूसरी वजह यह है कि स्टारमर इस हफ्ते संयुक्त राष्ट्र नहीं जा रहे हैं. इतनी बड़ी घोषणा वह खुद ही करना चाहते थे, इसलिए रविवार को मान्यता देने का ऐलान किया. UN के 193 में से 147 देश फिलिस्तीन को मान्यता दे चुके हैं.
सिर्फ मान्यता देना काफी नहीं
फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा सहित अन्य देशों ने कहा है कि वे इजराइल पर दबाव बनाने के कोशिशों के तहत संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में फिलिस्तीन को मान्यता दे रहे हैं. ब्रिटेन की मुस्लिम काउंसिल ने प्रधानमंत्री के इस कदम का स्वागत किया, लेकिन आग्रह किया कि मान्यता के साथ ठोस कार्रवाई भी होनी चाहिए.