बैंक फ्रॉड के मामले में फरार चल रहे आरोपी को सीबीआई ने 12 साल बाद केरल से गिरफ्तार किया. आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर बैंक से करोड़ों का फर्जी तरीके से लोन लिया था. मामले की जांच करते हुए सीबीआई ने आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट जमा की थी. इस बीच वह मौके से फरार हो गया था. बीते 12 सालों से पुलिस उसकी तलाश कर रही है. 18 सितंबर को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
सीबीआई ने 12 साल से फरार चल रहे एक बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले के आरोपी को केरल से दबोच लिया. आरोपी का नाम सुरेंद्रन जे हैं, जो कि केरल के कोल्लम जिले की कुलक्काडा पंचायत इलाके का रहने वाला है. सीबीआई ने यह केस 21 जुलाई 2010 को दर्ज किया था. आरोप है कि सुरेंद्रन, जो ‘स्टिच एंड शिप’ नाम की फर्म चलाता था. उसने अपने साथियों के साथ मिलकर बैंक ऑफ इंडिया की लुधियाना शाखा से 1.50 करोड़ रुपये का फर्जी लोन लिया.
फर्जी दस्तावेजों से लिया था लोन
इसके लिए उसने नकली और जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था. मामले की जानकारी होते ही बैंक ने आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. जांच के बाद सीबीआई ने सुरेंद्रन और अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. लेकिन सुरेंद्रन 2012 में कोर्ट ट्रायल के दौरान फरार हो गया और उसे प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर (घोषित अपराधी) घोषित कर दिया गया. इसके बाद सीबीआई ने आरोपियों को खोजने की काफी कोशिश की, लेकिन उसका कहीं कुछ पता नहीं चला.
12 साल बाद आरोपी अरेस्ट
कई सालों की तलाश के बाद हाल ही में तकनीकी जांच और ग्राउंड वेरिफिकेशन के जरिए सीबीआई को उसकी सही लोकेशन का पता चला. इसके बाद 18 सितंबर 2025 को उसे कोल्लम, केरल से गिरफ्तार कर लिया गया. बीते 12 सालों के दौरान सीबीआई की टीम ने आरोपी को लगातार ट्रैक करने की कोशिश की, लेकिन वह चालाकी से टीम को गुमराह करता रहा. इस बीच 18 सितंबर को सीबीआई को खोज पूरी हुई.