केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 4 अक्टूबर को प्रदेश प्रवास में रहेंगे। बीजेपी नेताओं ने उनके आगमन की तैयारियां शुरू कर दी है। बतादें कि छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में आयोजित होने वाले विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा महोत्सव को राष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।
नई दिल्ली में बस्तर दशहरा समिति के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर उन्हें मुरिया दरबार में शामिल होने का औपचारिक निमंत्रण दिया। यह प्रतिनिधिमंडल बस्तर सांसद और दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप के नेतृत्व में था, जिसमें मांझी-चालकी और अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।
मुलाकात के दौरान समिति ने अमित शाह को मां दंतेश्वरी की पवित्र तस्वीर भेंट की। गृहमंत्री ने निमंत्रण स्वीकार करते हुए बस्तर दशहरे की परंपराओं की सराहना की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि बस्तर अब नक्सलवाद की गिरफ्त से निकलकर शांति और विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि वे 75 दिनों तक चलने वाले इस अनोखे महोत्सव में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं।
इस वर्ष बस्तर दशहरा का मुरिया दरबार 4 अक्टूबर को जगदलपुर के सिरहासार भवन में आयोजित होगा। यहां आदिवासी समुदाय अपनी समस्याएं और सुझाव सीधे प्रशासन के सामने रखते हैं। अमित शाह इस दौरान आदिवासी प्रतिनिधियों से संवाद करेंगे और मिशन 2026 के तहत नक्सल उन्मूलन की प्रगति की भी समीक्षा करेंगे।
साथ ही स्वदेशी मेला में स्थानीय हस्तशिल्प और सांस्कृतिक प्रदर्शनों को राष्ट्रीय मंच मिलेगा। प्रतिनिधियों से संवाद के अलावा नक्सल उन्मूलन की रिपोर्ट वे अफसरों से लेंगे। इस बैठक में सीएम, गृहमंत्री भी शामिल रहेंगे।
पीएम को भी आमंत्रण भेजा है समिति ने
समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रण भेजा है। बस्तर सांसद महेश कश्यप ने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण है, जब बस्तर की संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिल रहा है। गौरतलब है कि बस्तर दशहरे में रावण दहन नहीं होता, बल्कि मां दंतेश्वरी की पूजा के साथ यह महोत्सव आदिवासी परंपराओं की अनूठी झलक प्रस्तुत करता है।