मां शक्ति की आराधना का पर्व नवरात्रि शुरू… मैहर में उमड़ा भक्तों का जन सैलाब

मां शक्ति की आराधना का पर्व नवरात्रि शुरू मैहर में उमड़ाभक्तों का जन सैलाब. विंध्य की खूबसूरत वादियों में विराजित मां शारदा धाम त्रिकूट पर्वत पर 600 फीट की ऊंचाई पर मां शारदा का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है. यह ऐतिहासिक मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है. कहा जाता है कि इसी जगह मां सती का हार गिरा था, इसलिए मईया का हार यानी मैहर के नाम से जाना जाता है.

शारदा मां का धाम जिला मुख्यालय मैहर से 6 किलोमीटर दूर है. करीब एक हजार सीढ़ियां चढ़कर भक्त मां के दरबार में पहुंचते हैं. बताया जाता है कि माता की प्रतिमा करीब 1500 साल पुरानी है. रहस्य: रात में मंदिर पर कोई नहीं रुकता, सुबह मां का श्रृंगार मंदिर के प्रधान पुजारी पवन पांडे महाराज का कहना है कि प्राचीनकाल में चंदेल राजा परमाल के सेनापति दसराज के दो बेटे थे- आल्हा और उदल दोनों महोबा के वीर योद्धा थे. दोनों ने ही जंगल और पहाड़ों के बीच मां शारदा के इस शक्तिपीठ को खोजा था. दोनों मां शारदा के परम भक्त थे. उन्होंने पृथ्वीराज चौहान की सेना से भी टक्कर ली थी।सुबह जब मंदिर के पट खोले जाते हैं, तो अक्षत अर्पित रहते हैं. ताजा फूल से माता का श्रृंगार किया मिलता है. ये अब तक रहस्य है कि पूरी रात पर्वत पर किसी के न होने के बाद भी कौन मां की पूजा करके चला जाता है. मान्यता है कि आल्हा और उदल ही रोजाना यहां पूजा करने आते हैं। स्व. देवी प्रसाद जी ने बताया था कि करीब 1600 ई में लोगों को त्रिकूट पर्वत पर मां शारदा का मंदिर होने की जानकारी मिली थी. गुरु आदि शंकराचार्य ने माता की पूजा भी की थी। इसके बाद 1951 में स्थानीय लोगों ने पैसे इकट्ठा कर मंदिर का निर्माण व मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनवाई.

50 साल से जल रही अखंड ज्योति

पुजारी पंडित पवन महाराज ने बताया कि मंदिर के पीछे गुफा में 50 साल से लगातार अखंड ज्योति जल रही है. इसके दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं के पाप धुल जाते हैं. इसी गुफा में मंदिर के प्रधान पुजारी देवी प्रसाद ने मां शारदा की तपस्या की थी. पंडित पवन महाराज ने बताया कि पूर्व प्रधान पुजारी स्वर्गीय देवी प्रसाद मां शारदा की साधना करने मंदिर प्रांगण में स्थान ढूंढ रहे थे, तभी मां शारदा ने महाराज से कहा कि मैहर प्रांगण में स्थित गुफा में बैठकर साधना कर सकते हो. मां ने अखंड ज्योति जलाने के लिए भी कहा. प्रधान पुजारी ने 50 साल पहले मां शारदा के नाम से अखंड ज्योति प्रज्वलित की थी, जो आज भी जल रही है.

10 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की संभावना

नवरात्रि में रोजाना सुबह से रात शयन तक करीब 19 घंटे मंदिर खुला रहेगा. मेला कंट्रोल रूम के अनुसार 9 दिन में 10 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचेंगे. मंदिर के ऊपर और नीचे सीसीटीवी व ड्रोन से निगरानी की जाएगी। इसके अलावा, पहाड़ी क्षेत्र में पुलिस बल द्वारा बाइक से पेट्रोलिंग की जाएगी. मेले की लगातार निगरानी एसपी अवधेश सिंह करेंगे, जबकि मेला इंचार्ज एडिशनल एसपी डॉ. चंचल नगर को बनाया गया है.

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