गरबा पंडालों में मुस्लिमों की एंट्री को लेकर मध्य प्रदेश की सियासत में बवाल मचा हुआ है. छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से सनातन हिंदू विचारधारा के लोग हज यात्रा में नहीं जाते हैं, तो मुस्लिमों को भी गरबा में नहीं आना चाहिए.
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आयोजिकों को सलाह दी है कि गरबा समारोह के मुख्य दरवाजे पर छिड़कने के लिए गोमूत्र रखना चाहिए. यह बात बागेश्वर महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने गृह जिले छतरपुर जिले के लवकुश नगर स्थित धार्मिक स्थल बंबरबेनी माता के दर्शन करने के दौरान कही.
मध्य प्रदेश के बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा है कि गैर-हिंदुओं का भी नवरात्रि उत्सव और ‘गरबा’ नृत्य कार्यक्रमों में भाग लेने का स्वागत है, बशर्ते वे फिर से सनातन धर्म अपनाएं और माथे पर तिलक लगाने और आरती करने जैसे नियमों का पालन करें. विधायक शर्मा ने कहा कि अगर मुसलमान या ईसाई फिर से देवी की पूजा करना चाहते हैं, तो उन्हें एक चम्मच गंगाजल पीने और तुलसी का पत्ता खाने पर हिंदू धर्म में स्वीकार किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि अगर कुछ लोगों को लगता है कि उनके माता-पिता ने हिंदू धर्म के अलावा किसी अन्य धर्म को अपनाकर गलती की है और वे फिर से हिंदू बनना चाहते हैं, तो वे अभी ऐसा कर सकते हैं क्योंकि “सभी का DNA हिंदू है”.
हालांकि, भोपाल के हुजूर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले शर्मा ने पत्रकारों से बात करते हुए चेतावनी दी कि अगर कोई गरबा स्थलों पर (प्रवेश पाने के लिए) छल करने की कोशिश करता पाया गया, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
देवी दुर्गा और उनके विभिन्न रूपों की पूजा को समर्पित नवरात्रि उत्सव 22 सितंबर से शुरू हो चुका है. इस उत्सव के दौरान गुजरात का एक जीवंत नृत्य गरबा खेला जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में प्रतिभागी शामिल होते हैं. विश्व हिंदू परिषद सहित कई हिंदूवादी संगठन ऐसे आयोजनों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश का विरोध करते रहे हैं ताकि ‘लव जिहाद’ के प्रयासों को रोका जा सके.