श्योपुर : जिले की विजयपुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार की एक ऐसी तस्वीर जो शायद अभी तक की ग्राम पंचायतों में देखने को नहीं मिली.यहां सरपंच तो महिला है.पंरतु इस पंचायत में सरपंच के पति की हुकूमत चलती है. विकास की अगर बात की जाए तो विकास इस ग्राम पंचायत में कोसों दूर है.विकास के नाम पर जमकर लूट की गई है.इस मामले में पंचायत सचिव उपयंत्री समेत तमाम बह अधिकारी शामिल हैं जिन्होंने पंचायत में अपनी अहम भूमिका निभाई है.
क्योंकि बिना किसी सक्षम अधिकारी के पंचायत में किसी भी प्रकार की कोई राशि आहरण नहीं की जाती. यह बात हम नहीं बल्कि ग्रामीण खुद आरोप लगा रहे है.उन्होंने मामले की शिकायत जिला पंचायत सीईओ रूपेश उपाध्याय से की है.उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम पंचायत सरपंच शकुंतला बाई अपने परिवार के साथ ग्वालियर में निवास करती है.
उनकी जगह उनके पति पूरी कमान को संभालते है.और फर्जी बिलों के माध्यम से उस राशि का भुगतान कर अपनी जेब में डालने का काम किया जा रहा है.विकास की बात की जाए तो इस ग्राम पंचायत में विकास लापता है.विकास का तो केवल नाम रह गया है.विकास की खोज में निकलने ग्रामीणों ने मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की है.अब देखना होगा कि क्या जिला सीईओ रूपेश उपाध्याय कलेक्टर अर्पित वर्मा इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए सभी निर्माण कार्यों की जांच करेंगे या नहीं ग्रामीण अब उनकी कार्रवाई पर नजर बनाए हुए है.
ग्रामीणों का आरोप चुनाव जीतने के बाद सरपंच गायब
ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम पंचायत बुढ़ेरा की ग्राम पंचायत सरपंच शकुंतला देवी चुनाव जीतने के बाद अपने परिवार के साथ ग्वालियर में रहती है.अब ग्रामीण परेशान है.ग्रामीणों को लंबा सफर तय करने के बाद ग्वालियर जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने मामले की शिकायत विभाग में की पंरतु कोई सुनवाई नहीं हुई है.गांव के पंच सरपंच को हटाने की मांग को लेकर अविश्वास प्रस्ताव भी पेश कर चुके है.लेकिन उस पर कोई एक्शन नहीं हुआ है. ग्रामीणों ने सरपंच पति पर फर्जी बिल लगाकर धांधली के आरोप लगाए है.ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव जीतने के बाद से सरपंच को ग्रामीणों ने कभी देखा तक नहीं है.
जिन फर्मों का बिल लगाया बह अस्तित्व में नहीं है
ग्राम पंचायत बुढ़ेरा के सचिव और जिम्मेदारों ने जिन फर्मों का बिल लगाया है वह वास्तविक समय में अस्तित्व में ही नहीं है.अगर संबंधित विभाग, खनिज विभाग निष्पक्ष जांच करेंगे तो संबंधित फर्म संचालकों को जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा.क्योंकि एक फर्म संचालक तो गसवानी में कियोस्क बैंक संचालित करता है.और उसका पेशा फर्जी बिल लगाना है.फर्जी बिल लगाकर राशि का आहरण कर अपना कमीशन रखने का का खुद फर्म संचालक करता है।
जनपद सीईओ बोले मामले की शिकायत मिली है जांच की जा रही है
इस संबंध में विजयपुर जनपद पंचायत सीईओ बोले मामले की जानकारी प्राप्त हुई है. संबंधित ग्राम पंचायत की जांच की जांच की जा रही है. निष्पक्ष जांच कर वरिष्ठ अधिकारियों को बताया जायेगा और जो फर्मों का मामला है खनिज विभाग के अधिकारी भी इस मामले में जांच करेंगे और हम भी मामले की जांच कर आगे का एक्शन लेंगे.