राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने रविवार को शराब घोटाले और अवैध कोल लेवी मामले में एक साथ बड़ी कार्रवाई की। अलग-अलग मामलों में ब्यूरो ने छत्तीसगढ़ सहित तीन राज्यों में कई ठिकानों पर तलाशी लेकर महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल सामग्री जब्त की है।
शराब घोटाले के मामले में EOW ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के पीए जयचंद कोसले और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबी व्यापारी अवधेश यादव सहित उनसे जुड़े लोगों के तीन राज्यों छत्तीसगढ़ में 03, झारखंड 2 और बिहार में 2 के कुल 7 ठिकानों पर दबिश दी गई।
कार्रवाई में ब्यूरो ने प्रकरण से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, संपत्ति से संबंधित कागजात और नकद रकम जब्त की। जयचंद कोसले पूर्व आईएएस सौम्या चौरसिया का भी करीबी रहा है। कोल लेवी मामले में कोसले के ठिकानों पर भी छापा मारकर दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
इस छापे के बाद जयचंद कोसले को सोमवार को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद जयचंद को EOW कोर्ट में पेश किया गया। जहां ACB-EOW ने 14 दिन की कस्टोडियल रिमांड लेने आवेदन लगाया है।
कौन है शराब कारोबारी अवधेश यादव
ईओडब्ल्यू के मुताबिक, शिव विहार कॉलोनी निवासी शराब कारोबारी अवधेश यादव पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के बेहद करीबी रहे। वह बस्तर के सात जिलों में शराब का काम देखते थे। सरकार ने शराब दुकानों में मैनपावर और प्लेसमेंट के लिए निजी कंपनी को ठेका दिया था, लेकिन उसका संचालन अवधेश खुद करता था।
आरोप है कि वह बस्तर में खुलेआम ओवररेट शराब बेचता था। पड़ोसी राज्यों से सस्ती शराब लाकर तस्करी करता और कोचिया सिस्टम के जरिए हर जिले में नेटवर्क चलाता था। यहां तक कि शराब में मिलावट कर सप्लाई करने का भी आरोप है।
ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया है कि अवधेश ने इस कारोबार से 200 करोड़ से ज्यादा का कमीशन कमाया। इस रकम को उसने अपने पैतृक घर पलामू और ससुराल औरंगाबाद में निवेश किया है।
जयचंद पर सौम्या के 50 करोड़ निवेश करने का शक
ईओडब्ल्यू की टीम ने रविवार सुबह सहायक खनिज संचालक के पुत्र जयचंद कोसले के रायपुर और अकलतरा स्थित घरों पर भी दबिश दी। देर रात तक कार्रवाई जारी रही। जयचंद लंबे समय से जांच एजेंसी की निगरानी में था। वह पूर्व सीएम की उप सचिव सौम्या चौरसिया का करीबी माना जाता है।
जांच में यह भी सामने आया कि अवैध कोयला परिवहन से मिलने वाला पैसा जयचंद के जरिए सौम्या तक पहुंचता था। जयचंद ने ही सौम्या का लगभग 50 करोड़ निवेश किया था। उसे खुद भी इस कारोबार से 10 करोड़ से ज्यादा की कमाई हुई।
उसने रायपुर के सेजबहार कॉलोनी में आलीशान मकान और अकलतरा के अंबेडकर चौक के पास पैतृक घर सहित करोड़ों की संपत्ति खड़ी की है। जयचंद से ईडी भी कई बार पूछताछ कर चुकी है।