डीडवाना-कुचामन: पिछले महीने 27 अगस्त को कुचामन सिटी में हुआ नाबालिग बालिका के अपहरण का मामला, पुलिस के लिए चुनौती बन गया है. घटना को 25 दिन बीत चुके हैं लेकिन अब तक न तो बालिका बरामद हो पाई है और न ही नामजद आरोपी कमल बिजारणियां पुलिस की गिरफ्त में आया है. लगातार हो रही नाकामी से कुमावत समाज का आक्रोश अब उबाल पर है.
मामले को लेकर कुचामन सिटी के खारिया रोड स्थित शिव मंदिर में सैकड़ों की तादाद में कुमावत-प्रजापत समाज के लोग एकत्र हुए और आक्रोश सभा आयोजित की. इस दौरान वक्ताओं ने पुलिस की कार्यशैली पर गहरा असंतोष जताते हुए कहा कि 25 दिन का समय बहुत होता है, लेकिन इसके बावजूद जांच आगे नहीं बढ़ी है.
समस्त कुम्हारान पंचायत ट्रस्ट के अध्यक्ष राजकुमार फौजी ने बताया कि नवरात्र को देखते हुए समाज ने पुलिस-प्रशासन को सहयोग हेतु 9 दिन का अल्टीमेटम दिया है. यदि इस अवधि में भी आरोपी गिरफ्तार नहीं होता और बालिका सुरक्षित नहीं लौटती है तो प्रदेशभर के जिला मुख्यालयों पर उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा.
बैठक में यह भी तय किया गया कि समाज के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और प्रदेश पुलिस के आला अधिकारियों से मुलाकात कर पूरे मामले की जानकारी देंगे और पुलिस की लापरवाही का मुद्दा उठाएंगे.
धरना-प्रदर्शन और पुलिस का रवैया
इससे पहले भी समाज ने कई बार पुलिस-प्रशासन के खिलाफ सख्त रुख अपनाया. 10 सितंबर को सर्व समाज के हजारों लोग थाने का घेराव कर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए थे. तब आंदोलन पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर और मंत्री विजय सिंह चौधरी के आश्वासन पर समाप्त हुआ था. हालांकि इसके बावजूद अब तक पुलिस के हाथ कोई ठोस सफलता नहीं लगी है. धरने के दौरान समाज ने दो पुलिसकर्मियों की मिलीभगत का आरोप लगाया, जिसके चलते दोनों को लाइन हाजिर किया गया था.
पुलिस की अपील और सोशल मीडिया पर गूंज
पिछले दिनों पुलिस ने आरोपी कमल बिजारणियां और अपहर्ता उर्मिला की तस्वीरें जारी कर आमजन से सूचना देने की अपील की थी. थाना अधिकारी सतपाल सिंह चौधरी ने भरोसा दिलाया था कि सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा और सहयोग करने वालों को ईनाम भी मिलेगा. इसके लिए कई अधिकारियों के नंबर जारी किए गए हैं, लेकिन पुलिस का ये प्रयास भी खाली जाता दिखाई दे रहा है.
आंदोलन इस बीच सोशल मीडिया पर भी छा गया. युवाओं ने पहली बार X (ट्विटर) पर हैशटैग #कुचामन_नाबालिग_अपहरण के साथ हजारों पोस्ट कर सरकार और पुलिस तक अपनी बात पहुंचाई.