उत्तर प्रदेश सरकार के समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान में प्रदेश के नागरिकों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। इस पहल के तहत राज्य के 75 जनपदों में नोडल अधिकारी और प्रबुद्ध जन आम जनता से सीधे संवाद कर रहे हैं। अभियान का उद्देश्य प्रदेश की विकास यात्रा और 2047 तक उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य बनाने की रूपरेखा तैयार करना है।
अब तक अभियान में करीब चार लाख सुझाव प्राप्त हो चुके हैं। इसमें से तीन लाख से अधिक सुझाव ग्रामीण क्षेत्रों से आए हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों से करीब एक लाख सुझाव प्राप्त हुए हैं। सबसे अधिक सक्रियता 31 से 60 वर्ष आयु वर्ग में देखी जा रही है, लेकिन जेन-ज़ी और वरिष्ठ नागरिकों ने भी इसमें हिस्सा लिया है।
सुझावों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, नगरीय एवं ग्रामीण विकास, आईटी और उद्योग जैसे क्षेत्रों पर ज़ोर देखा गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और नीतियों की पारदर्शिता को लेकर नागरिकों ने विशेष सुझाव दिए हैं।
देवरिया की शिशिरा प्रजापति ने सुझाव दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में एआई, रोबोटिक्स और हरित ऊर्जा जैसी तकनीकों की शिक्षा दी जाए। इसके साथ ही उच्च शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण को सस्ता और सुलभ बनाया जाए। तेज़ इंटरनेट, स्मार्ट क्लास और विश्वविद्यालयों में शोध केंद्र व स्टार्टअप इनक्यूबेटर स्थापित करने की आवश्यकता बताई।
आगरा के ललित वर्मा ने निजी विद्यालयों की मनमानी रोकने और पाठ्यक्रम व ड्रेस को पाँच साल तक स्थिर रखने की मांग की। साथ ही शिकायत निवारण के लिए राज्य स्तरीय पोर्टल बनाने का सुझाव दिया।
कन्नौज के अखिलेश कुमार पांडेय ने पशुपालन विभाग में डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए अंतिम वर्ष के वेटरनरी छात्रों को एक वर्ष के लिए व्यवहारिक प्रशिक्षण के तहत तैनात करने का सुझाव दिया।
बस्ती के गोबिंद ने ग्राम सचिवालय में पारदर्शिता बढ़ाने और पंचायत सहायक द्वारा हर योजना की वित्तीय रिपोर्ट ऑनलाइन अपलोड करने की आवश्यकता बताई।
इन सुझावों को आधार बनाकर राज्य सरकार उत्तर प्रदेश के विकास रोडमैप में इन्हें शामिल करेगी। प्रयागराज, फिरोजाबाद, बस्ती, जौनपुर, कानपुर, गोरखपुर, सहारनपुर, मेरठ, फर्रुखाबाद और महाराजगंज जैसे जिलों से सबसे अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं। इन रायों के माध्यम से प्रदेश को 2047 तक विकसित राज्य बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।