एटा की बीनम देवी ने अपनी बहू पूजा की जान बचाने के लिए अपनी किडनी दान कर दी। पूजा को गंभीर किडनी की बीमारी थी और उसका समय पर इलाज न होने पर जीवन को खतरा था। परिजनों ने जब ऑपरेशन के लिए मंजूरी मांगी, तो परिवार में पहले विरोध हुआ, खासकर पूजा की मां ने इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाई।
बीनम देवी ने अपने मन की ताकत और परिवार के लिए जिम्मेदारी को देखते हुए, सभी की चिंता के बावजूद निर्णय लिया कि वह अपनी किडनी दान करेंगी। उन्होंने कहा कि बहू उनके परिवार का हिस्सा है और उसका जीवन बचाना उनकी प्राथमिकता है।
डॉक्टरों ने बताया कि बीनम देवी की किडनी पूरी तरह स्वस्थ थी और दान करने के लिए सभी मेडिकल टेस्ट पास कर चुकी थी। ऑपरेशन के दौरान दोनों—सास और बहू—सुरक्षित रही। पूजा की स्थिति अब स्थिर है और वह धीरे-धीरे सामान्य जीवन की ओर लौट रही है।
परिवार ने इस साहसिक कदम की सराहना की है और इसे परिवार में आपसी प्यार और जिम्मेदारी का प्रतीक बताया। बीनम देवी ने कहा कि उन्होंने यह कदम बिना किसी स्वार्थ के उठाया और उन्हें खुशी है कि उनकी बहू अब स्वस्थ है।
स्थानीय लोगों और समाज के लिए यह मामला प्रेरणा बन गया है। लोग बीनम देवी के साहस और निस्वार्थ भाव की तारीफ कर रहे हैं। डॉक्टरों ने भी इस कदम को सम्मानजनक बताया और कहा कि इससे समाज में अंगदान के महत्व को बढ़ावा मिलेगा।
पूजा की मां ने बाद में अपनी राय बदलते हुए सास के इस कदम की प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने अब समझा कि परिवार की भलाई और जीवन बचाना सबसे अहम है।
यह घटना न केवल एक परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए यह संदेश देती है कि सच्चा प्यार और समर्पण किसी सीमा में बंधा नहीं होता। बीनम देवी ने अपनी बहू के लिए जो त्याग किया, वह मिसाल बन गया है और समाज में इंसानियत और रिश्तों की अहमियत को रेखांकित करता है।