विनोद कुमार शुक्ल की किताबों ने साबित की हिंदी साहित्य की ताकत

रायपुर। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित वरिष्ठ साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल की सफलता ने हिंदी साहित्य जगत में नई उम्मीद जगा दी है। उनके प्रकाशक ‘हिंद युग्म’ द्वारा मात्र छह महीनों में उन्हें ₹30 लाख की रायल्टी दिए जाने की खबर ने यह साबित कर दिया कि अच्छी रचना पाठकों तक पहुँच जाए तो उसका असर असाधारण होता है। हिंद युग्म के संस्थापक और संपादक शैलेश भारतवासी ने इस उपलब्धि का पूरा श्रेय विनोद कुमार शुक्ल के लेखन को दिया और इसे हिंदी साहित्य के लिए सुखद बताया।

शैलेश का कहना है कि जब किसी लेखक की रचनाएँ पाठकों के मन-मस्तिष्क को छूती हैं, तो उसका असर तेजी से फैलता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रायल्टी चैरिटी नहीं है, बल्कि पुस्तकों की बिक्री से सीधे जुड़ी है। हिंद युग्म के अन्य कई लेखक भी लखपति बन चुके हैं, जिनकी किताबें एक लाख से अधिक प्रतियों में बिक चुकी हैं। विनोद कुमार शुक्ल की सफलता खास इसलिए है क्योंकि इतने कम समय में इतनी बड़ी रायल्टी किसी पुराने हिंदी लेखक को नहीं मिली।

शैलेश ने बताया कि यह सफलता पिछले एक दशक से चल रहे ‘नई वाली हिंदी’ आंदोलन का नतीजा है। आज उत्तर भारत में अंग्रेजी पढ़ना नहीं, बल्कि हिंदी पढ़ना कूल माना जाता है। डिजिटल प्लेटफार्मों की भूमिका इस सफलता में अहम रही है। हिंद युग्म की शुरुआत ही डिजिटल माध्यम से हुई थी, और 15 वर्षों में यह प्रकाशन उद्योग में महत्वपूर्ण मुकाम तक पहुँच गया।

शैलेश ने नए लेखकों को सलाह दी कि अच्छा लिखें, क्योंकि अच्छे लेखन का कोई विकल्प नहीं है। विनोद कुमार शुक्ल की किताब ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ कई दिनों में 2000 से अधिक प्रतियों में बिक गई। इसके अलावा हिंद युग्म ने अपनी अन्य किताबों को नए कलेवर में प्रकाशित करने की योजना भी बनाई है।

हिंद युग्म की शुरुआत 2008 के बुक फेयर से हुई थी, जब केवल पांच किताबें ही बिकी थीं। 2012 तक किशोर चौधरी की किताब ‘चौराहे पर सीढ़ियां’ की 500 प्रतियां बिक गई थीं। नए लेखकों की तलाश में प्रकाशक हमेशा लगे रहते हैं। बड़े लेखकों की किताबें 20,000 से अधिक प्रतियों में छपती हैं, जबकि नए लेखकों के लिए शुरुआत 300-500 प्रतियों से होती है।

विनोद कुमार शुक्ल की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि सही समय पर और सही लेखन पाठकों तक पहुँच जाए, तो हिंदी साहित्य में भी बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है।

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