दुर्ग-भिलाई। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में बीएससी फर्स्ट और सेकेंड सेमेस्टर के छात्रों ने सोमवार को कुलपति कार्यालय का घेराव कर दिया। छात्रों का आरोप है कि हाल ही में घोषित रिजल्ट में उनके साथ अन्याय किया गया है। कई छात्र पहले सेमेस्टर में टॉपर रहे, लेकिन इस बार उन्हें 0, 1 और 4 जैसे बेहद कम अंक दिए गए।
छात्रों का कहना है कि उन्होंने प्रश्नपत्र का सही उत्तर लिखा था, लेकिन मूल्यांकन के दौरान बिना वजह नंबर काटे गए। कई छात्राें ने बताया कि उनकी कॉपियां दोबारा जांच में भी सही पाई गईं, लेकिन उन्हें अंक नहीं दिए गए। इसके अलावा, कुछ छात्रों के रिलेटिव उत्तर भी गलत ठहराए गए और उन्हें शून्य अंक दे दिए गए।
नाराज छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में जमकर नारेबाजी की और रिजल्ट में सुधार की मांग की। पांच दिन पहले जारी रिजल्ट ने लगभग 50% छात्रों को फेल या एटीकेटी में डाल दिया। छात्रों का कहना है कि उनकी मेहनत और पहले सेमेस्टर के अच्छे अंकों को नजरअंदाज किया गया।
हंगामा बढ़ने पर प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी। छात्रों ने कुलपति चैंबर के बाहर धरना दिया और नारेबाजी की। पुलिस ने छात्रों को नियंत्रित किया और कुलपति चैंबर के गेट पर दो जवान तैनात किए गए। इसके अलावा, छात्रों ने कुलसचिव कार्यालय के बाहर भी प्रदर्शन किया।
कुलसचिव भूपेंद्र कुलदीप ने बताया कि उन्हें छात्रों की शिकायत मिली है और उनकी समस्याओं को सुना गया है। प्रशासन ने आश्वासन दिया कि छात्रों की कॉपियों की दोबारा जांच विशेषज्ञों से करवाई जाएगी। छात्रों को भरोसा दिया गया कि किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
छात्र प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी कि यदि निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि 26 सितंबर को संशोधित रिजल्ट दोबारा जारी किया जाएगा।
छात्रों का कहना है कि पूरे साल मेहनत की, लेकिन रिजल्ट ने उनकी उम्मीदें तोड़ दीं। उनका मानना है कि इस बार अंक देने में अनुचितता हुई है और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है। प्रशासन की ओर से आश्वासन मिलने के बाद भी छात्रों की नाराजगी बरकरार है और वे आगे भी आंदोलन के लिए तैयार हैं।
यह मामला विश्वविद्यालय में मूल्यांकन प्रक्रिया और छात्रों के अधिकारों से जुड़े गंभीर सवाल खड़े करता है, जिसमें छात्र अपने हक के लिए प्रदर्शन करने पर मजबूर हुए।