नक्सलियों ने शांति वार्ता से किया इनकार, हथियार नहीं छोड़ने का दिया संकेत

छत्तीसगढ़। नक्सलियों की केंद्रीय समिति और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने स्पष्ट किया है कि वे शांति वार्ता में शामिल नहीं होंगे और अपने हथियार नहीं छोड़ेंगे। सोमवार को जारी संयुक्त प्रेस नोट में दोनों संगठनों ने कहा कि हाल ही में मीडिया में वायरल प्रेस नोट और ऑडियो फाइल केवल व्यक्तिगत निर्णय हैं और संगठन से कोई संबंध नहीं रखते।

केंद्रीय समिति के प्रवक्ता अभय और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने संयुक्त बयान में कहा कि पोलित ब्यूरो सदस्य सोनू द्वारा जारी प्रेस नोट संगठन का निर्णय नहीं है। नक्सलियों का कहना है कि बसवा राजू द्वारा शांति वार्ता के लिए किए गए प्रयासों को गलत तरीके से पेश किया गया। संगठन के भीतर मत जानने का प्रयास विभाजन पैदा कर सकता है।

प्रेस नोट में साफ कहा गया कि हथियारबंद संघर्ष छोड़ना संगठन की क्रांतिकारी पहचान बदलने जैसा होगा। नक्सली नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि 17 सितंबर को अभय के नाम से मीडिया में वायरल प्रेस नोट और ऑडियो फाइल केवल व्यक्तिगत दृष्टिकोण हैं, और संगठन इससे असहमत है।

हालांकि 2024 से सुरक्षा बलों के साथ जारी अभियान में नक्सलियों ने कई मुठभेड़ों में हिस्सा लिया, जिसमें दोनों ओर से नुकसान हुआ। बीते कुछ महीनों में कई बड़े नक्सली नेता मारे गए हैं। 21 मई को कर्रेगुट्टा ऑपरेशन में डेढ़ करोड़ के इनामी बसवा राजू समेत 27 नक्सलियों को मार गिराया गया था। वहीं हाल ही में गरियाबंद में डेढ़ करोड़ के इनामी मोडेम बालकृष्ण समेत 10 नक्सलियों को एनकाउंटर में ढेर किया गया।

पिछले 25 सालों में बस्तर में पुलिस और नक्सलियों के बीच 3366 से ज्यादा मुठभेड़ हुईं, जिसमें 1324 जवान शहीद और 1510 से ज्यादा नक्सली मारे गए। 2007 और 2010 में बस्तर में हुई बड़ी नक्सल घटनाओं में सैकड़ों जवानों ने अपनी जान गंवाई।

नक्सलियों की केंद्रीय समिति पांच महीने पहले भी शांति वार्ता के संकेत देती रही, लेकिन अब उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी वार्ता में शामिल होने का उनका कोई इरादा नहीं है। सरकार की ओर से जारी शर्तों के तहत नक्सलियों के मुख्यधारा में लौटने का कोई औचित्य तभी बन सकता है जब वे भारतीय संविधान को मान्यता दें।

यह स्पष्ट संदेश है कि नक्सली संगठन वर्तमान में हथियारबंद संघर्ष जारी रखना चाहते हैं और किसी भी प्रकार की शांति वार्ता में भाग नहीं लेंगे।

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