सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। खाद्य विभाग की जांच में सामने आया है कि एक ही परिवार में मां और नाबालिग बेटी के नाम पर अलग-अलग राशनकार्ड जारी किए हैं। 18 वर्ष से कम उम्र के 1,800 से ज्यादा नाबालिगों के नाम पर भी अलग-अलग कार्ड बन गए हैं। जबकि इनका व्यक्तिगत राशनकार्ड नहीं बन सकता।
फर्जीवाड़े का एक और चौंकाने वाला पहलू यह है कि राज्यभर में राशनकार्डों में 110 साल से अधिक उम्र के 1,806 सदस्य दर्ज पाए गए हैं। इनके नाम पर न सिर्फ वर्षों से राशन उठाया जा रहा है, बल्कि कई मामलों में स्वास्थ्य और अन्य योजनाओं का लाभ भी लिया गया। सबसे अधिक शतायु सदस्य बिलासपुर, सरगुजा, जशपुर और सक्ती जिलों में पाए गए हैं।
डुप्लीकेट आधार नंबर
हजारों लोगों ने डुप्लीकेट आधार नंबर का इस्तेमाल कर अलग-अलग जिलों में राशनकार्ड बनवा लिए। खाद्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेशभर में 86 हजार से अधिक राशनकार्ड डुप्लीकेट आधार नंबर से बनाए गए हैं। रायपुर में यह आंकड़ा 18 हजार से ज्यादा है। इसके बाद दुर्ग (8,809), सरगुजा (4,776), जशपुर (3,764), राजनांदगांव (3,551) और कोरबा (3,129) के साथ प्रमुख जिलों में शामिल हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि शहरी प्रवास, तेजी से हो रहा पंजीयन और बस्तियों की अधिकता इस गड़बड़ी की बड़ी वजह हो सकती है।
निष्क्रिय आधार से भी उठ रहा सरकारी राशन
खाद्य विभाग की रिपोर्ट में यह तथ्य भी उजागर हुआ है कि प्रदेश में 1,05,590 निष्क्रिय आधार धारकों के नाम पर राशनकार्ड बने हैं। बिलासपुर (5,841), कवर्धा (8,701), जशपुर (5,681) और रायपुर (9,356) जिलों में हजारों निष्क्रिय आधार नंबरों से राशन उठाया जा रहा था। यही नहीं, 83,872 सदस्यों ने अब तक ई-केवाईसी ही नहीं कराया है। विभाग को संदेह है कि ऐसे कई सदस्य अन्य जिलों या प्रदेशों में पहले से पंजीकृत हैं।
46 लाख सदस्य बिना e-KYC के
प्रदेश में कुल 2.73 करोड़ राशनकार्डधारी सदस्य पंजीकृत हैं, जिनमें से 2.27 करोड़ की ई-केवाईसी हो चुकी है। 46.34 लाख का बाकी है। विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पांच साल से अधिक उम्र के सभी लाभार्थियों का ई-केवाईसी तुरंत पूरा कराया जाए। इसके लिए “मेरा ई-केवाईसी” मोबाइल एप का उपयोग अनिवार्य किया है। छह माह तक राशन नहीं उठाया तो कार्ड निरस्त खाद्य विभाग ने नए आदेश में यह प्रविधान भी जोड़ा है कि यदि कोई लाभार्थी छह माह तक राशन नहीं लेता है तो उसका कार्ड अस्थायी रूप से निरस्त कर दिया जाएगा। तीन माह के भीतर सत्यापन और ई-केवाईसी के आधार पर ही कार्ड को पुनः सक्रिय किया जाएगा।
जिम्मेदारों पर गिरेगी गाज
नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा ने कहा कि खाद्य संचालनालय ने सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं कि फर्जी राशनकार्डों की फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए विशेष टीम बनाएं। जिन कार्डों पर वर्षों से अवैध रूप से राशन उठाया है, उनकी वसूली की कार्रवाई भी शुरू हो सकती है। वहीं, जिन अधिकारियों या राशन दुकानों की लापरवाही सामने आएगी, उनके खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी। वर्जन शासन के आदेश के बाद भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। जितने भी संदिग्ध राशन कार्ड हैं सभी को निरस्त किया जाएगा।