मध्य प्रदेश के रीवा में अजब-गजब बिजली बिल चर्चा में हैं. एक ओर जहां महाराजा पुष्पराज सिंह के नाम से जारी दो बिजली कनेक्शनों में लगातार 6 महीने तक जीरो रीडिंग दर्ज की गई और सातवें महीने भी शून्य बिल भेजा गया, वहीं आम उपभोक्ताओं पर औसत बिलिंग, एनजी चार्ज और स्मार्ट मीटर के बहाने भारी वसूली की जा रही है. मामला सामने आने के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं.
बिजली बिल के नाम पर भारी वसूली!
शहर के लोगों का आरोप है कि आम उपभोक्ताओं पर औसत बिलिंग, एनजी चार्ज और स्मार्ट मीटर के बहाने भारी वसूली की जा रही है. जबकि वीआईपी और बड़े लोगों को साठ गांठ कर उन्हें फायदा पहुंचाया जा रहा है. एसएफ में पदस्थ एक पुलिसकर्मी के घर पर तो 78 हजार का बिजली बिल थमा दिया गया है, जो अब दफ्तरों के चक्कर लगाकर परेशान हैं. इस मामले में जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं और अब भी कई कर्मचारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.
रीवा शहर में इस समय विद्युत विभाग स्मार्ट मीटर लगा रहा है, पुराने मीटरों को बदल रहा है. नए मीटर लगाने पर एक महीने का भी बैलेंस यदि रहता है तो उपभोक्ताओं की तुरंत बिजली काट दी जाती है. इतना ही नहीं यदि किसी उपभोक्ता के घर पर मीटर लगा है और वह महीनों से घर पर नहीं है तो भी उसका मीटर चलता रहता है. एनजी चार्ज, मीटर चार्ज और न जाने क्या-क्या चार्ज लगाकर मंथली बिल कुछ न कुछ वसूल ही कर लेते हैं. इसके अलावा जीरो मीटर रीडिंग दर्ज करने पर औसत बिलिंग शुरू कर देते हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि उपभोक्ताओं को परेशान किया जाता है, लेकिन बड़े नाम वालों को रियायत दी जा रही है. इनके दुकानों और व्यावसायिक संस्थानों में लगे मीटर महीनों से आगे बढ़ ही नहीं रहे हैं. इसके पीछे बड़ा गोलमाल और हेरफेर माना जा रहा है.
मुख्य अभियंता ने जांच के दिए आदेश
यह सिर्फ चंद मीटरों का हाल है. पीली कोठी और शिल्पी प्लाजा पूरा कमर्शियल क्षेत्र हैं, यहां करोड़ों की बिलिंग होती है. आरोप है कि फर्जीवाड़ा कर अधिकारी सीधे लाखों रुपए हर महीने डकार रहे हैं. इस मामले के प्रकाश में आने के बाद मुख्य अभियंता पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी रीवा ने जांच के आदेश दे दिए हैं, अधीक्षण अभियंता ने भी जांच रिपोर्ट मांगी है.