नीतीश सरकार में भ्रष्टाचार लालू राज से अधिक, प्रशांत किशोर ने दिए तर्क

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक रणनीतिकार और जनसुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर लगातार सुर्खियों में हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार में भ्रष्टाचार का स्तर लालू राज से भी अधिक है। किशोर का कहना है कि नीतीश कुमार व्यक्तिगत रूप से ईमानदार हैं, लेकिन उनके आसपास के लोग राज्य को लूटने में लगे हुए हैं।

प्रशांत किशोर ने बिहार की वर्तमान कुव्यवस्था पर चिंता जताते हुए कहा कि पिछले 35-40 सालों में राज्य की व्यवस्था को चलाने में हर कोई दोषी है। उन्होंने कहा कि यह केवल किसी एक दल की गलती नहीं है, बल्कि पूरा समाज जिम्मेदार है। किशोर ने उदाहरण देते हुए बताया कि 1990 में लालू यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी बिहार देश का सबसे गरीब राज्य था और आज नीतीश के शासन में भी स्थिति में बहुत बदलाव नहीं आया है।

उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार में कुछ सुधार जरूर हुए हैं जैसे सड़क और बिजली की स्थिति में सुधार, लेकिन व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार और प्रशासनिक कमी आज भी बनी हुई है। किशोर ने विशेष रूप से कहा कि नीतीश कुमार के शासनकाल में संगठित भ्रष्टाचार इतना बड़ा है कि उनके आसपास के लोग बिना किसी जवाबदेही के राज्य को लूट रहे हैं।

प्रशांत किशोर ने लालू राज की तुलना में नीतीश सरकार की अधिक भ्रष्ट घोषित करते हुए कहा कि उस समय अपराध, अपहरण और डकैती जैसी घटनाएँ अधिक थीं, लेकिन संगठित भ्रष्टाचार नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में बिहार के अधिकारी इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में संपत्ति खरीद रहे हैं, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है।

किशोर ने कहा कि चुनावों के समय लोगों को उम्मीद थी कि नीतीश कुमार पढ़े-लिखे और ईमानदार हैं, लेकिन आज स्थिति यह है कि जनता राज्य की भ्रष्टतम सरकार के रूप में इसे देख रही है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों में एक ही पार्टी होने के बावजूद बिहार की कुव्यवस्था में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं होने पर भी निराशा व्यक्त की।

प्रशांत किशोर की ये टिप्पणियाँ बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के राजनीतिक परिदृश्य में एक नई बहस छेड़ने वाली हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि राज्य की भ्रष्ट व्यवस्था को बदलने में सभी को जिम्मेदारी निभानी होगी और केवल नेतृत्व पर दोष डालना पर्याप्त नहीं है।

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