उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद ने मंगलवार को लखनऊ, मेरठ और झांसी में तीन महत्वपूर्ण योजनाओं के तहत आवासीय भूखण्डों का सफल आवंटन किया। इस प्रक्रिया से सैकड़ों आवेदकों को लाभ मिला और किसानों को लैंड पूलिंग नीति के तहत आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया। लखनऊ के मोहनलालगंज में सौमित्र विहार योजना के तहत भूखण्ड आवंटन और नंबरिंग ड्रॉ का आयोजन अवध शिल्पग्राम तथा अवध विहार योजना में किया गया।
सौमित्र विहार योजना के अंतर्गत 112 से 300 वर्ग मीटर के 1247 भूखण्ड आवंटित किए गए। उप आवास आयुक्त चंदन कुमार पटेल ने ड्रॉ की अध्यक्षता की, जिसमें अधीक्षण अभियंता समर उपाध्याय भी मौजूद रहे। पटेल ने बताया कि लैंड पूलिंग नीति के तहत एक बीघा जमीन पर किसानों को 25 प्रतिशत विकसित भूखण्ड (लगभग 650 वर्ग मीटर) मिलता है। सौमित्र विहार योजना में इसकी प्रारंभिक दर 27,000 रुपए प्रति वर्ग मीटर तय की गई है। इस योजना से किसानों को लगभग 1 करोड़ 75 लाख रुपए का लाभ होगा, जो सर्किल रेट पर मुआवजे से चार-पाँच गुना अधिक है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि योजना का विकास कार्य समय पर पूरा कर आवंटियों को जल्द कब्जा दिया जाएगा।
मेरठ की माधवपुरम योजना संख्या-10, सेक्टर-4 में 30 आवासीय भूखण्डों का लॉटरी ड्रॉ संपन्न हुआ। इसके लिए 2029 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 1594 आवेदकों ने एकमुश्त और 435 ने किश्तों में भुगतान का विकल्प चुना। ड्रॉ के दौरान उप आवास आयुक्त अनिल कुमार सिंह और अधिशासी अभियंता सस्मित कटियार समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
झांसी में भूमि विकास और गृहस्थान योजना संख्या-3 के तहत 53 भूखण्डों का आवंटन पं. दीन दयाल उपाध्याय सभागार में किया गया। 17 जुलाई से 27 अगस्त तक पंजीकरण में 824 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 823 पात्र पाए गए। ड्रॉ के माध्यम से 52 भूखण्ड आवंटित किए गए, जिससे परिषद को लगभग 1731.86 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त होने की संभावना है। आवंटन समिति की अध्यक्षता कानपुर जोन के सहायक आवास आयुक्त आत्मा स्वरूप श्रीवास्तव ने की।
इन योजनाओं के माध्यम से न केवल आवासीय जरूरतों को पूरा किया जा रहा है, बल्कि किसानों और ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और शहरों से गांवों के कनेक्शन को मजबूत करने में भी मदद मिल रही है। यह प्रक्रिया ग्रामीण विकास और स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है।