जयपुर: गरबा महोत्सव में गैर हिंदुओं की एंट्री पर बीजेपी विधायक ने कही सख्त बात

जयपुर में नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत के साथ ही गरबा महोत्सवों को लेकर विवादित बयान सामने आए हैं। बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य ने साफ कहा है कि इस साल किसी भी गैर सनातनी को गरबा महोत्सव में प्रवेश नहीं दिया जाएगा, चाहे वह मुस्लिम हो या कोई अन्य धर्म का व्यक्ति। उन्होंने कार्यकर्ताओं और पुलिस को निर्देश दिया है कि किसी भी गैर सनातनी द्वारा महोत्सव में अव्यवस्था या असभ्यता न फैलाए जाए।

बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि पिछले कई वर्षों से महोत्सव में ऐसी शिकायतें आ रही हैं और इस साल स्थिति को लेकर कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। उनका कहना था कि माई के उत्सव में आने वाले सभी लोगों को नियमों का पालन करना होगा। उन्हें तिलक करना होगा, कलावा बांधना होगा और भगवान का प्रसाद ग्रहण करना होगा।

विधायक ने यह भी चेतावनी दी कि महोत्सव में कोई भी ऐसा काम नहीं करेगा जो समारोह की पवित्रता को भंग करे। उन्होंने जोर देकर कहा, “यह माई का उत्सव है। जो इसमें मेरी माताओं और बहनों का सम्मान करेगा, वह मां दुर्गा का आशीर्वाद पाएगा। अन्यथा माई के हाथ में त्रिशूल, खड़ग है और शेर भी इसका ध्यान रखें।”

बालमुकुंद आचार्य का यह बयान सामाजिक और धार्मिक संवेदनाओं के बीच एक विवाद खड़ा कर सकता है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सनातन धर्म के अनुयायी भी नियमों का पालन करेंगे। उनका कहना है कि महोत्सव में शामिल सभी लोग अनुशासन बनाए रखें और किसी भी तरह की अनियमितता न होने दें।

इस बयान के बाद कई राजनीतिक और सामाजिक मंचों पर बहस शुरू हो गई है। कुछ लोग इसे धार्मिक आयोजनों में धर्म आधारित भेदभाव के रूप में देख रहे हैं, जबकि समर्थक इसे सांस्कृतिक और धार्मिक पवित्रता बनाए रखने का कदम मान रहे हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे बयान सामाजिक सहिष्णुता और धार्मिक समावेशिता के सवाल को फिर से उठाते हैं। गरबा महोत्सव में भाग लेने वाले गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने के कदम से समाज में धार्मिक तनाव बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

विधायक के बयान ने न केवल राजनीतिक गलियारों में चर्चा पैदा की है, बल्कि आम जनता के बीच भी इस मसले पर मतभेद उत्पन्न कर दिया है। ऐसे में नवरात्रि उत्सव के दौरान सामाजिक और धार्मिक संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

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