सीएम योगी ने भारत में घटती हिंदू आबादी पर जताई चिंता

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में भारत में हिंदू आबादी को लेकर गंभीर बयान दिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1100 में भारत में हिंदुओं की आबादी लगभग 60 करोड़ थी, लेकिन विदेशी आक्रांताओं और उनके अत्याचारों के कारण 1947 तक यह संख्या घटकर 30 करोड़ रह गई। मुख्यमंत्री ने यह दावा आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी संकल्प से जुड़ी एक प्रदेश स्तरीय कार्यशाला में किया।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन 800-900 वर्षों में हिंदू आबादी में वृद्धि होनी चाहिए थी, लेकिन विभिन्न आक्रांताओं, युद्ध, भुखमरी, बीमारियों और अन्य यातनाओं के कारण आबादी घटती गई। उन्होंने यह भी बताया कि विदेशी शासन ने न केवल लोगों की संख्या घटाई बल्कि खेती और उत्पादन पर भी विपरीत असर डाला।

सीएम ने 300 साल पहले के भारत की आर्थिक समृद्धि का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि उस समय भारत दुनिया की अर्थव्यवस्था में सबसे आगे था और कुल औद्योगिक उत्पादन में इसका योगदान 25 प्रतिशत था। कृषि और उत्पादन के क्षेत्र में भारत का कोई सानी नहीं था। उन्होंने कहा कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश को मिलाकर जिसे वृहत्तर भारत कहते हैं, लंबे समय तक दुनिया की नंबर एक आर्थिक ताकत था।

मुख्यमंत्री ने स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि यह केवल खादी तक सीमित नहीं रह गया है। सुई से लेकर जहाज निर्माण और फाउंटेन पेन से लेकर एयरोप्लेन तक भारत में अब हर प्रकार के उत्पाद बन रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वदेशी को व्यापक रूप दिया गया है।

योगी ने कहा कि भारत में निर्मित प्रत्येक उत्पाद, जिसमें श्रमिकों का पसीना और युवा शक्ति की प्रतिभा लगी हो, स्वदेशी कहलाता है। उन्होंने मेक इन इंडिया और मेड फॉर द वर्ल्ड की अवधारणा को भी रेखांकित किया। मुख्यमंत्री ने चेताया कि समाज को जाति, भाषा और क्षेत्र के नाम पर विभाजित करने वाले लोग आज भी इसी मानसिकता के साथ कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने निष्कर्ष निकालते हुए कहा कि स्वदेशी को जीवन का हिस्सा बनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देगा बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को भी मजबूत करेगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं और देश की प्रगति में योगदान दें।

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