नवादा में जमीन म्यूटेशन के लिए रिश्वत लेते मुंशी गिरफ्तार

बिहार के नवादा जिले में राजस्व विभाग से जुड़े भ्रष्टाचार का मामला प्रकाश में आया है। नारदीगंज प्रखंड में पटना निगरानी विभाग ने मंगलवार को राजस्व कर्मचारी के निजी मुंशी राकेश कुमार को 19,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह राशि जमीन के म्यूटेशन और अन्य राजस्व संबंधी कार्यों के लिए ली जा रही थी।

रिश्वतखोरी की शिकायत मिलने के बाद निगरानी विभाग ने जाल बिछाया और राकेश कुमार को कार्रवाई के दौरान पकड़ लिया। हालांकि, इस छापेमारी में शामिल राजस्व कर्मचारी मौके से फरार हो गया, जिससे विभाग ने उसकी तलाश शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि राकेश कुमार से पूछताछ में कई अहम खुलासे हो सकते हैं, जो राजस्व विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर करेंगे।

इस कार्रवाई से स्थानीय राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया। अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच अब खलबली है कि निगरानी विभाग भ्रष्टाचार के खिलाफ कितनी सक्रियता दिखा रहा है। स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है और मुख्य आरोपी की जल्द गिरफ्तारी की मांग भी की है।

नवादा की यह घटना राज्य में राजस्व विभाग से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों की एक और पुष्टि है। पटना निगरानी विभाग ने साफ किया है कि कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी मुहिम जारी रहेगी। इस मामले में आगे की जांच से यह स्पष्ट होगा कि अन्य कर्मचारी या अधिकारी भी रिश्वतखोरी में शामिल हैं या नहीं।

विशेषज्ञों का कहना है कि सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को पूरी तरह खत्म करना आसान नहीं है, लेकिन लगातार की जा रही निगरानी और कार्रवाई से यह घट सकता है। राकेश कुमार से पूछताछ और जांच पूरी होने पर ही राजस्व विभाग में अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता का पता चल पाएगा।

स्थानीय जनता इस कार्रवाई से संतुष्ट है, क्योंकि इससे यह संदेश गया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ गंभीर कदम उठाए जा रहे हैं। जनता की उम्मीद है कि ऐसे मामलों में दोषियों को न्याय मिलने से विभाग में पारदर्शिता और विश्वास बढ़ेगा।

इस घटना ने यह भी दिखाया कि निगरानी विभाग भ्रष्टाचार के मामलों में सतर्क है और किसी भी स्तर पर हो रहे अनुचित व्यवहार को उजागर करने के लिए तत्पर रहता है। भविष्य में ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए विभाग और अधिक कठोर कदम उठा सकता है, ताकि सरकारी कार्यों में ईमानदारी और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।

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