कांग्रेस पार्टी बिहार में स्वतंत्रता के बाद पहली बार केंद्रीय कार्यकारी समिति (CWC) की बैठक करने जा रही है. यह बैठक बुधवार को राजधानी पटना के सदाकत आश्रम में आयोजित होगी. कांग्रेस इस बैठक के जरिए तेलंगाना विधानसभा चुनाव में मिली अपनी सफलता को बिहार में भी दोहराने की उम्मीद कर रही है. तेलंगाना में भी पार्टी ने 2023 में चुनाव से पहले CWC की बैठक की थी और उसके बाद वहां बड़ा असर पड़ा था.
कांग्रेस के बड़े नेता जैसे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी के लगभग सभी 170 सदस्य इस बैठक में शामिल होंगे. इस बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी, चुनाव में पारदर्शिता, वोटर रोल के विशेष निरीक्षण (SIR) में हुई अनियमितताओं और चुनाव आयोग की स्वतंत्रता जैसे मुद्दे चर्चा के मुख्य विषय होंगे.
साथ ही, पार्टी बिहार के साथ देश भर की बड़ी समस्याओं जैसे महंगाई, बेरोजगारी, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और कूटनीतिक विफलताओं पर भी बात करेगी.
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में राहुल गांधी के मतदाता अधिकार यात्रा की सराहना की जाएगी, जो बिहार में वोट चोरी और वोटर लिस्ट की जांच पर केंद्रित थी. राहुल ने बिहार में 16 दिनों तक 1300 किमी का सफर तय करते हुए 25 जिलों में यात्रा की. पार्टी अपने गढ़ में वोट चोरी रोकने और लोगों तक वोटर अधिकार पहुंचाने के लिए ‘घर-घर अधिकार अभियान’ भी शुरू करेगी.
राजनीतिक प्रतीक और अभियान
यह पहला मौका है जब देश को ब्रिटिश शासन से मिली आजादी के बाद इतनी बड़ी कांग्रेस बैठक बिहार में हो रही है, पिछली बार यह 1940 में हुई थी. सदाकत आश्रम एक ऐतिहासिक जगह है, जहां महात्मा गांधी, राजेंद्र प्रसाद और नेहरू जैसे नेताओं ने स्वतंत्रता संग्राम की रणनीति बनाई थी.
कांरेस इस बैठक के जरिए बिहार विधानसभा चुनावों में मजबूती से भाग लेने और महागठबंधन को सत्ता दिलाने की पूरी तैयारी कर रही है. बिहार में चुनाव आने वाले महीनों में होंगे, और इसकी घोषणा चुनाव आयोग अक्टूबर की शुरुआत में कर सकता है.
बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने अभी ऐलान नहीं किया है कि वह कितनी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगा. वहीं दूसरी ओर महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल ने साफ़ कर दिया है कि वह सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगा. अब देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस कितनी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान करती है.