बिहार के गया जिले से रविवार देर रात को एक ऐसी खूनी वारदात सामने आई, जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया. 34 साल की रोशनी चौधरी की हत्या उसके ही पति और ससुरालवालों ने मिलकर कर दी. वजह वही पुरानी- बेटा न होना. सबसे खौफनाक सच यह है कि पूरी घटना को उसकी तीनों मासूम बेटियों ने अपनी आंखों से देखा.
घटना अतरी थाना क्षेत्र के टेउसा बाजार की है. मृतका की 10 साल की बड़ी बेटी निहारिका ने पुलिस और ननिहाल वालों को बताया- पापा नीतीश ने कमरे का दरवाजा तोड़कर मां को पीटना शुरू किया. जब मां ने खुद को बचाने की कोशिश की तो दादा-दादी ने उनके हाथ-पैर पकड़ लिए और फिर पापा ने साड़ी से गला घोंट दिया. मम्मी तड़पती रही और फिर मर गईं. निहारिका की यह गवाही किसी भी दिल को कंपा देने के लिए काफी है.
तीन घंटे तक लाश के पास बैठी रहीं बेटियां
वारदात के बाद आरोपी फरार हो गए. घर के आंगन में रोशनी की लाश पड़ी थी और पास में बैठी उसकी तीनों बेटियां, जो 10 साल, 6 साल और डेढ़ साल की हैं. वो रो-रोकर मां को पुकार रही थीं. पूरा घर सुनसान और वीरान था.
पति बना हत्यारा, बैंक में करता था नौकरी
आरोपी नीतीश चौधरी एक्सिस बैंक में फाइनेंस का काम करता है. बाहर से ‘सभ्य’ दिखने वाला यह इंसान घर में दरिंदे से कम नहीं था. कभी पैसों की कमी, कभी राशन और कभी बेटियों की स्कूल फीस को लेकर पत्नी पर हाथ उठाता था. असली वजह थी- बेटा न होना.
शादी के बाद शुरू हुआ जुल्म का सिलसिला
रोशनी की शादी 2014 में धूमधाम से हुई थी. शुरुआती कुछ महीने ठीक रहे, लेकिन उसके बाद पति और ससुरालवाले आए दिन उसे प्रताड़ित करने लगे. मायके वालों के मुताबिक, रोशनी कई बार फोन कर रोई और मदद मांगी. रविवार की रात भी उसने भाई और बुआ को फोन कर मारपीट की जानकारी दी थी, लेकिन थोड़ी देर बाद पति ने फोन छीन लिया.
मौत से पहले मदद की आखिरी पुकार
रात साढ़े नौ बजे रोशनी ने अपने भाई राहुल को फोन कर कहा कि उसे पीटा जा रहा है. लेकिन जब राहुल ने दोबारा फोन किया तो नीतीश ने बात संभालते हुए कहा कि पति-पत्नी में झगड़ा तो होता ही रहता है. किसी को अंदाजा नहीं था कि थोड़ी ही देर बाद रोशनी की सांसें थम जाएंगी. रात करीब साढ़े 12 बजे निहारिका ने ननिहाल फोन कर कहा- पापा और दादा-दादी ने मम्मी को मार डाला. हम घर में अकेले हैं.
आंगन में लाश, घर से गायब आरोपी
जब मृतका का भाई राहुल रात साढ़े तीन बजे बहन के ससुराल पहुंचा तो आंगन में बहन की लाश पड़ी थी और उसके पास बैठी तीनों बच्चियां रो रही थीं. घर के बाकी लोग फरार थे. अतरी थाना प्रभारी सुदेह कुमार ने बताया कि मृतका के भाई की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है. आरोपी की मां को पड़ोस के एक घर से हिरासत में लिया गया है. पति नीतीश और उसके पिता की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है.
समाज के सामने बड़ा सवाल
यह वारदात केवल एक हत्या नहीं, बल्कि पितृसत्ता की काली सच्चाई है. क्या 21वीं सदी में भी महिलाएं सिर्फ बेटा न होने पर मौत की शिकार बनेंगी? क्या बेटियां हमेशा बोझ और बेटे ही वंशज माने जाते रहेंगे? रोशनी चौधरी की सांसें तो थम गईं, लेकिन उसकी तीनों मासूम बेटियां इस त्रासदी की जिंदा गवाह बन चुकी हैं. उनकी आंखों में वह खौफनाक रात हमेशा के लिए दर्ज हो चुकी है. और यही आंखें समाज से न्याय की गुहार लगा रही हैं.