उत्तराखंड के ऋषिकेश में राम बारात निकालने की अनुमति न मिलने पर रामलीला कलाकार अपनी वेशभूषा में कोतवाली पहुंच गए. इस दौरान कोई श्रीराम और लक्ष्मण के गेटअप में था कोई हनुमान और रावण के गेटअप में. कलाकारों ने मांग की है कि रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों पर दर्ज मुकदमे हटाए जाएं और उन्हें रामलीला करने की अनुमति दी जाए. यह 70 साल पुरानी सुभाष बनखंडी श्री राम लीला कमेटी का मामला है.
दरअसल, ऋषिकेश में 70 साल पुरानी सुभाष बनखंडी श्री राम लीला कमेटी में दो गुटों के बीच विवाद चल रहा है. एक गुट रामलीला का मंचन कर रहा है, जबकि दूसरे गुट ने उन पर चोरी और रामलीला मैदान पर अवैध कब्जे का मुकदमा दर्ज करा दिया है.
आज राम बारात निकालने की अनुमति न मिलने पर रामलीला के सभी कलाकार अपनी वेशभूषा में कोतवाली पहुंचे. उन्होंने मांग की कि कमेटी के पदाधिकारियों पर लगे मुकदमे वापस लिए जाएं. कमेटी के अध्यक्ष हरी राम अरोड़ा के नेतृत्व में रामलीला का मंचन जारी रखने का संकल्प लिया गया.
राजनीतिक दबाव का आरोप
कमेटी के महामंत्री योगेश कालरा ने आरोप लगाया है कि कुछ राजनीतिक रसूखदार लोग कमेटी और उसकी संपत्ति पर कब्जा करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि ये लोग सरकार को गुमराह करके कलाकारों, संगीतकारों और पदाधिकारियों पर लगातार मुक़दमे दर्ज करवा रहे हैं और उन्हें रामलीला करने से रोक रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इसी दबाव के चलते उन्हें राम बारात निकालने और दशहरा के दिन रावण दहन करने की अनुमति भी नहीं मिल पाई.
सीएम से हस्तक्षेप की मांग
जितेंद्र पाल पाठी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि षड्यंत्रकारियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए और रामलीला के कलाकारों और पदाधिकारियों पर लगे झूठे मुकदमे वापस लिए जाएं. पाठी ने कहा कि रामलीला को रोकने की कोशिश की जा रही है, जो कि सरासर गलत है.
‘रामलीला चलती रहेगी’
कमेटी के पदाधिकारियों ने यह साफ कर दिया है कि भले ही उन पर कितने भी मुकदमे दर्ज किए जाएं, वे अध्यक्ष हरी राम अरोड़ा के नेतृत्व में रामलीला का मंचन जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि वे किसी भी दबाव में नहीं आएंगे. फिलहाल, पुलिस ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है और दोनों गुटों के बीच तनाव बना हुआ है.