अयोध्या छोड़कर चले जाएं मुसलमान, नहीं बनने वाली मस्जिद… बोले BJP नेता विनय कटियार

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बीच एक बार फिर राजनीति गरमा गई है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरे विनय कटियार ने धन्नीपुर मस्जिद को लेकर एक विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हम धन्नीपुर मस्जिद को नहीं जानते और न यहां कोई मस्जिद बनने वाली है. नेता ने कहा कि अयोध्या में मुस्लिमों का कोई काम नहीं है. विनय कटियार के इस बयान ने एक बार फिर अयोध्या के माहौल को राजनीतिक और धार्मिक दृष्टि से संवेदनशील बना दिया है.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है और मस्जिद के लिए धन्नीपुर गांव में जगह दी गई थी, लेकिन अयोध्या विकास प्राधिकरण (ADA) की तरफ से मस्जिद का नक्शा खारिज होने के बाद राजनीतिक सियासत गरमा गई है.

मुसलमान छोड़ दें अयोध्या

बीजेपी के पूर्व सांसद विनय कटियार ने अयोध्या के मुसलमानों और मस्जिद को लेकर एक विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि धन्नीपुर में कोई मस्जिद नहीं बनने वाली है. बीजेपी नेता ने कहा कि जो लोग अयोध्या में मस्जिद बनाने की बात कर रहे हैं, वो सब हमारी तरफ से खारिज हैं और ऐसा होकर रहेगा. यही नहीं, उन्होंने ये तक कह दिया कि अयोध्या में मुस्लिमों का कोई काम नहीं है. उन्होंने कहा कि मुसलमान सरयू पार चले जाएं या फिर गोंडा या बस्ती चले जाएं. नेता ने कहा कि अयोध्या राम की नगरी है, यहां सिर्फ राम मंदिर है.

ADA ने मस्जिद का नक्शा किया रद्द

अयोध्या में राम मंदिर की जमीन के बदले मुस्लिमों को मस्जिद बनवाने के लिए धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन आवंटित की गई थी. मस्जिद के नक्शे को पास कराने के लिए एक इस्लामिक फाउंडेशन ने इसे एडीए को दिया था, लेकिन एडीए ने मस्जिद निर्माण के नक्शे को खारिज कर दिया. जानकारी के अनुसार एडीए ने तर्क दिया कि मस्जिद ट्रस्ट की ओर से निर्माण को लेकर पेपर वर्क को पूरा नहीं किया गया था, जिसकी वजह से एडीए ने नक्शा पास नहीं किया है.

अयोध्या का राम मंदिर और बाबरी मस्जिद का विवाद बहुत पुराना है. यह विवाद उस समय उभर कर आया जब 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिरा दी गई थी, जिससे लगभग 30 साल के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया और उस जगह पर राम मंदिर बनवाने को मंजूरी मिली. उसी समय धन्नीपुर का नाम भी चर्चा में आया, क्योंकि सरकार ने मुस्लिम पक्ष को यहां मस्जिद बनवाने के लिए जमीन आवंटित की थी.

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