जौनपुर बयालसी महाविद्यालय में 6 करोड़ का घोटाला, कार्रवाई न होने से हड़कंप

जौनपुर के जलालपुर स्थित बयालसी महाविद्यालय में करीब 6 करोड़ रुपये के वित्तीय भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। पूर्व प्रबंधक डॉ. विजय प्रताप सिंह और पूर्व प्राचार्य डॉ. अखिलेश चंद्र सेठ पर गंभीर आरोप लगे हैं। कार्यवाहक प्राचार्या डॉ. अलंकेश्वरी सिंह की शिकायत पर शासन ने दो बार जांच कराई, जिसमें 5 करोड़ 79 लाख 75 हजार 872 रुपये की अनियमितताएं पाई गईं। बावजूद इसके दोषियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी पूर्व प्रबंधक ने खुद को बचाने के लिए महाविद्यालय से दूर प्रबंध समिति का चुनाव कर अपनी पत्नी को प्रबंधक बना लिया और विश्वविद्यालय से अनुमोदन भी प्राप्त कर लिया। भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद कार्यवाहक प्राचार्या और पूर्व प्रबंधक में विवाद बढ़ गया। आरोप है कि पूर्व प्रबंधक ने अपने ऑफिस में बच्चों की मार्कशीट और अन्य जरूरी दस्तावेज रखकर ताला लगा दिया, जिससे छात्र और अभिभावक परेशान हैं।

महाविद्यालय के पास मूलभूत सुविधाओं की भी कमी है। छात्राओं को खुले आसमान के नीचे शौच के लिए जाना पड़ता है और पीने के पानी की व्यवस्था भी अधूरी है। इस सबके बीच कार्यवाहक प्राचार्या की शिकायत पर जांच में बयालसी महाविद्यालय के प्रबंधक, पूर्व प्राचार्य और स्ववित्तपोषित प्रवक्ता डॉ. प्रवीण कुमार श्रीवास्तव को दोषी पाया गया।

जांच में वित्तपोषित लिपिक प्रतिभा सिंह और स्ववित्तपोषित लिपिक संतोष सोनकर की भी संलिप्तता सामने आई। आरोपियों पर महाविद्यालय के विभिन्न कोषों से कुल 5 करोड़ 79 लाख 75 हजार 872 रुपये के भ्रष्टाचार के आरोप हैं। इसके अलावा प्रबंधक पर शिक्षकों का वेतन रोकने और अपने रिश्तेदारों को वेतन देने के भी आरोप लगे हैं।

बयालसी महाविद्यालय बचाओ संघर्ष समिति ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। समिति के संयोजक आमोद सिंह का कहना है कि उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा शिकायतकर्ता पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे चुप रहें और प्रबंधक से सुलह कर लें।

पूर्व बीजेपी विधायक डॉ. हरेंद्र सिंह ने अपनी ही सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इतने बड़े भ्रष्टाचार के बावजूद त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं हुई। जौनपुर के इस महाविद्यालय में भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद अगर कार्रवाई नहीं हुई तो लोग आंदोलन करने के लिए मजबूर हो सकते हैं।

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