भाजपा ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधा, सोशल मीडिया पर घोटाले उजागर

छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के नेताओं और अधिकारियों पर सोशल मीडिया के माध्यम से निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उनके बेटे चैतन्य बघेल और सौम्या चौरसिया के साथ ही कई अन्य अधिकारियों के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं। भाजपा ने पोस्टर और वीडियो के जरिए कांग्रेस नेताओं को कीचड़ में लाने की कोशिश की और शराब और PSC घोटाले का जिक्र किया।

सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया कि इन नेताओं की वजह से राज्य में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन बढ़ा है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस नेताओं ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए राज्य की जनता को नुकसान पहुँचाया। पार्टी ने आरोप लगाया कि भूपेश बघेल और उनके परिवार के सदस्य विभिन्न मामलों में संलिप्त रहे और उन्हें संरक्षण मिला।

कांग्रेस ने भाजपा के इस अभियान को ओछी राजनीति बताया है। पार्टी का कहना है कि भाजपा ऐसे आरोप लगाकर राज्य में कुशासन को छिपाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इन वीडियो और पोस्टर में तथ्यात्मक सच्चाई नहीं है और यह केवल जनता को भ्रमित करने का प्रयास है।

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया पर इस तरह की राजनीतिक जंग आम होती जा रही है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अपने समर्थकों को प्रभावित करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप चुनाव के दौरान बढ़ते हैं और जनता के बीच सियासी माहौल गरम करता है।

भाजपा के निशाने पर आए अधिकारियों में भूपेश बघेल के अलावा उनके करीबी सहयोगी भी शामिल हैं। भाजपा ने दावा किया कि इन अधिकारियों की वजह से सरकारी परियोजनाओं और विकास कार्यों में अनियमितताएं हुई हैं। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि भाजपा अपने राजनीतिक फायदे के लिए झूठे आरोप फैला रही है।

राजनीतिक विश्लेषक यह भी बताते हैं कि सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो और पोस्टर न सिर्फ नेताओं के व्यक्तिगत छवि को प्रभावित करते हैं, बल्कि जनता के दृष्टिकोण और मतदान व्यवहार पर भी असर डाल सकते हैं। राज्य में आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए यह अभियान दोनों पक्षों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में जारी इस डिजिटल राजनीतिक युद्ध ने सियासी हलकों में नई बहस को जन्म दिया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए अपने संदेश जनता तक पहुँचाने और विरोधी दल को कमजोर करने में जुटी हुई हैं।

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