सूरजपुर: जिले के चांदनी बिहरपुर और जुड़वनीया क्षेत्र में मंगलवार रात और बुधवार सुबह हुई भयानक मूसलाधार बारिश ने जनजीवन पर कहर बरपा दिया. सिर्फ एक घंटे में हुई इस बारिश ने इलाके में हाहाकार मचा दिया और ग्रामीणों की नींद उड़ा दी. महुली, कोल्हूआ, करौटी, चोगा, अन्तिकापुर, खोहीर, कछवारी, रामगढ़, जूडवनीया, बसनरा, रसोकी, नवडीहा और मोहरसोप समेत दर्जनों गांवों में सैकड़ों मिट्टी के मकान गिर गए, कई घरों में पानी भर गया और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हुए. नवगई निवासी रामलल्लू साकेत का मकान पूरी तरह गिर गया, लेकिन समय रहते परिवार सुरक्षित रहा.
किसानों की मेहनत पर डबल मार
बारिश ने खेतों की उपजाऊ मिट्टी बहा दी और धान, मक्का और अन्य फसलें पूरी तरह नष्ट हो गईं. ग्रामीणों ने बताया कि हजारों किसानों का सालभर का श्रम धरा रह गया. खेतों में फसलें बह जाने से आने वाले दिनों में खाद्यान्न संकट की आशंका भी बढ़ गई है.
मुख्य मार्ग और पुल ध्वस्त
जुड़वनीया का 70 साल पुराना मार्ग, जो महुली से मोहरसोप को जोड़ता है, पूरी तरह खंडहर में बदल गया. भारी बारिश के कारण कन्धाधोआ नदी पुल के पास मिट्टी बह गई, जिससे सड़क पर बड़ी खाई बन गई और मार्ग पूरी तरह बंद हो गया. इससे करीब एक दर्जन गांवों का जिला मुख्यालय और जनपद पंचायत से संपर्क टूट गया, बच्चों का स्कूल आना-जाना और बीमार मरीजों का इलाज मुश्किल हो गया.
ग्रामीणों की गुहार
ग्रामीणों का कहना है कि यह सड़क उनके लिए जीवनरेखा है और इसका तुरंत मरम्मत बेहद जरूरी है. प्रशासन की ओर से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू किया गया है, मुख्य मार्ग और नाले साफ करने के प्रयास जारी हैं. साथ ही प्रभावित लोगों के लिए सुरक्षित ठहरने की व्यवस्था भी की जा रही है.
चांदनी बिहरपुर और जुड़वनीया में हुई यह भीषण बारिश ने 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए सड़क, मकानों और फसलों की तबाही कर दी. ग्रामीण प्रशासन से त्वरित राहत, मुआवजा और भविष्य के सुरक्षित उपायों की मांग कर रहे हैं.