मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में नाबालिग छात्रा की हत्या का आरोपी आजीवन कारावास की सजा से दंडित

मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में एक नाबालिग छात्रा की हत्या के मामले में न्यायालय ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह हत्या एकतरफा प्यार के कारण की गई थी, जिसमें आरोपी ने छात्रा पर दुपट्टे से गला घोंटकर और लोहे की रॉड से हमला किया।

प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश विवेक कुमार तिवारी की अदालत ने सभी उपलब्ध सबूतों और गवाहों की गवाही के आधार पर यह फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष ने बताया कि आरोपी ने बिना किसीprovocation के छात्रा की हत्या की थी और इस कृत्य से समाज में भय और आक्रोश फैलाया गया।

अदालत में पेश किए गए मेडिकल और फोरेंसिक रिपोर्टों से स्पष्ट हुआ कि मृतका की मौत हृदयाघात या दुर्घटना से नहीं, बल्कि सीधे तौर पर शारीरिक हमला करने के कारण हुई। पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्रित कर आरोपी को गिरफ्तार किया था और जांच पूरी होने के बाद केस न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

स्थानीय समुदाय और छात्रा के परिवार ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला न्यायिक प्रक्रिया की सच्चाई और समाज में कानून की उपलब्धता को दर्शाता है। साथ ही, उन्होंने न्यायालय और पुलिस विभाग की कार्रवाई की सराहना की।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी को अदालत की सजा सुनाए जाने के बाद तुरंत कारागार में भेजा जाएगा। इसके साथ ही पुलिस ने कहा कि भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए स्कूल और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

इस घटना ने समाज में एकबार फिर से यह सवाल उठाया कि नाबालिगों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए परिवार, स्कूल और स्थानीय समुदाय को मिलकर बच्चों की देखभाल और सही मार्गदर्शन सुनिश्चित करना होगा।

अदालत ने साफ किया कि किसी भी व्यक्ति द्वारा हिंसा का प्रयोग समाज में भय और अन्याय फैलाने के लिए नहीं किया जा सकता। यह फैसला न केवल आरोपी के लिए बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी के रूप में कार्य करेगा कि कानून की आंखें हमेशा सजग हैं और अपराध की कोई जगह नहीं है।

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