आलीराजपुर जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए लोकायुक्त इंदौर की टीम ने कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी रामा अवास्या को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपित ने घूस की रकम अपने पेंट की जेब में रख ली थी, जिसे मौके पर उतरवाकर जब्त किया गया।
शिकायतकर्ता कमलेश संगाडिया ने बताया कि उनकी पत्नी कमिला संगाडिया शासकीय उचित मूल्य दुकान का संचालन करती हैं। 20 अगस्त को रामा अवास्या ने दुकान का पंचनामा तैयार किया और उसी आधार पर एफआईआर दर्ज करने की धमकी देकर पांच लाख रुपये की रिश्वत की मांग की। शिकायतकर्ता ने यह मामला लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत किया। प्राथमिक सत्यापन में शिकायत सही पाए जाने के बाद टीम ने कार्रवाई की।
अवैध लेनदेन का खुलासा तब हुआ जब महिला और उनके पति आरोपित को पहली किस्त के रूप में 50 हजार रुपये देने गए। लोकायुक्त की टीम ने मौके पर दबिश देकर अवास्या को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। बताया गया कि यह रकम पांच लाख रुपये की कुल रिश्वत में से पहली किस्त थी, जिसमें से एक लाख रुपये बाद में देने का समझौता हुआ था।
आरोपित के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धारा सात के तहत मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्तारी के बाद आरोपी से पूछताछ की जा रही है और आगे की कार्रवाई जारी है।
कार्रवाई का नेतृत्व कार्यवाहक निरीक्षक सचिन पटेरिया ने किया। टीम में प्रआर विवेक मिश्रा, आरक्षक विजय कुमार, कमलेश परिहार, अनिल परमार सहित अन्य स्टाफ शामिल रहे। गवाह के रूप में लोकायुक्त इंदौर से बीआरसी अनुराग भारद्वाज, राजेंद्र तंवर आदि मौजूद थे।
इस कार्रवाई से जिले के प्रशासनिक और खाद्य विभाग में हड़कंप मच गया। आम नागरिकों ने लोकायुक्त टीम की कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा संदेश बताते हुए इसकी सराहना की।
यह मामला प्रशासनिक निगरानी और भ्रष्टाचार रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता को उजागर करता है। कार्रवाई से स्पष्ट संदेश गया है कि सरकारी अधिकारियों द्वारा रिश्वत लेना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी।