केंद्र सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान का कार्यकाल बढ़ा दिया है। अब वे 30 मई 2026 तक CDS की जिम्मेदारी निभाएंगे। जनरल चौहान का कार्यकाल इसी महीने 30 सितंबर को समाप्त हो रहा था। वे पिछले तीन वर्षों से इस पद पर कार्यरत हैं।
जानकारी के अनुसार, जनरल अनिल चौहान के सामने सबसे बड़ी चुनौती हायर डिफेंस मैनेजमेंट और डिफेंस डील में सुधारों को सही दिशा देना है। इसके साथ ही तीनों सेनाओं का एकीकरण भी उनकी बड़ी जिम्मेदारी है। स्थिर और मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता के कारण उनकी मौजूदगी CDS पद पर जरूरी मानी गई है। उनके नेतृत्व में ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत की सैन्य रणनीति में निरंतरता बनी रहेगी।
जनरल चौहान 1981 में कमीशन प्राप्त करने के बाद से भारतीय सेना में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। 30 सितंबर 2022 को उन्हें जनरल बिपिन रावत के बाद देश का दूसरा CDS नियुक्त किया गया था। खास बात यह है कि उन्हें रिटायरमेंट से वापस बुलाकर इस पद पर नियुक्त किया गया, क्योंकि नियमों के अनुसार 62 वर्ष से कम उम्र के रिटायर्ड अधिकारी इस पद के योग्य होते हैं।
सामान्यत: इस पद पर फोर-स्टार अफसर को नियुक्त किया जाता है, लेकिन जनरल चौहान इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले थ्री-स्टार अफसर हैं। उनकी नियुक्ति ने भारतीय सैन्य नेतृत्व में एक नया उदाहरण स्थापित किया है।
सरकार के निर्णय के अनुसार, उनका कार्यकाल या तो 30 मई 2026 तक रहेगा या जब तक नई आदेश नहीं आते। जनरल चौहान की उपस्थिति भारतीय सेना के संगठनात्मक सुधार और तीनों सेनाओं के समन्वय के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
उनके कार्यकाल के विस्तार से यह सुनिश्चित होगा कि देश की सुरक्षा नीति, विशेषकर सीमा पर और आतंकवाद के मामलों में, एक मजबूत और स्थिर नेतृत्व के तहत कार्य करे। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम भारतीय सेना के संचालन और भविष्य की रणनीति दोनों के लिए लाभकारी है।
इस निर्णय से देश की सुरक्षा संरचना में स्थिरता और संचालन में निरंतरता बनी रहेगी। जनरल चौहान की उपलब्धियों और उनके अनुभव का लाभ भारतीय सैन्य नेतृत्व को आगे भी मिलेगा, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा में मजबूती आएगी।