हैंडशेक विवाद पर शशि थरूर ने टीम इंडिया को दी सलाह, करगिल के समय की मिसाल दी

एशिया कप के फाइनल मैच में भारत और पाकिस्तान के बीच खेलते समय हाथ मिलाने को लेकर विवाद सामने आया। इस पर वरिष्ठ कांग्रस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने टीम इंडिया को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि खेल की भावना में विरोधी टीम के खिलाड़ियों के साथ शिष्टाचार बनाए रखना जरूरी है और इसके पीछे करगिल युद्ध के समय की मिसाल दी।

थरूर ने बताया कि करगिल के दौरान भी भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान के साथ सीमावर्ती परिस्थितियों में शांति और सम्मान का पालन किया। उन्होंने कहा कि खेल सिर्फ जीत-हार का माध्यम नहीं बल्कि देशों के बीच संवाद और सम्मान की भाषा भी है। इस दृष्टिकोण को अपनाते हुए खिलाड़ी विरोधी टीम के साथ हाथ मिलाने या सम्मान व्यक्त करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।

उन्होंने इस अवसर पर यह भी बताया कि खिलाड़ी केवल खेल की सीमाओं में नहीं बल्कि खेल के माध्यम से बड़े सामाजिक संदेश भी देते हैं। हाथ मिलाने को लेकर उठे विवाद पर उन्होंने कहा कि इसे व्यक्तिगत या राष्ट्रीय भावना से जोड़ना सही नहीं है। उनका मानना है कि खिलाड़ियों का व्यवहार युवा दर्शकों और खेल प्रेमियों के लिए आदर्श होना चाहिए।

थरूर ने टीम इंडिया के खिलाड़ियों से अपील की कि वे खेल भावना के उच्च आदर्शों को बनाए रखें। उन्होंने कहा कि जीत या हार की भावना अस्थायी होती है, लेकिन सम्मान और शिष्टाचार हमेशा याद रखा जाता है। इसके साथ ही उन्होंने खिलाड़ियों को यह समझाने की कोशिश की कि खेल के मैदान पर सौहार्द्रपूर्ण व्यवहार ही सही मायने में महान खिलाड़ी की पहचान है।

विशेषज्ञों का कहना है कि एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में देश की छवि और खेल की प्रतिष्ठा का ध्यान रखना आवश्यक है। थरूर की सलाह खिलाड़ियों के लिए एक सीख है कि प्रतिस्पर्धा के बीच भी शिष्टाचार और खेल भावना को बनाए रखना जरूरी है।

इस विवाद ने क्रिकेट फैंस और समाज में भी चर्चा छेड़ दी है। थरूर के शब्दों ने एक सकारात्मक संदेश दिया कि खेल का असली मकसद केवल जीत नहीं, बल्कि सम्मान और सहयोग की भावना फैलाना भी है। यह संदेश न केवल खिलाड़ियों बल्कि दर्शकों के लिए भी प्रेरणादायक है।

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