बलिया: जनपद बलिया को मानो बीते कुछ दिनों से किसी की नज़र लग गयी हो. उभांव थाना क्षेत्र में गोली मारकर शिक्षक हत्या, हल्दी थाना क्षेत्र में दो पक्षों के बीच उपजे विवाद में एक निर्दोष युवक की गोली मारकर हत्या, सुखपुरा थाना अंतर्गत दो सगी बहनों की करंट से मौत और अब कोतवाली थाना क्षेत्र के रहने वाले दो लोगो की राजस्थान में हत्या ने जनपद को पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया है.
ताजा मामला बलिया के भाजपा नेता अशोक सिंह और उनके कर्मचारी विकास कुमार की राजस्थान में हत्या कर देने की खबर है. बताया जा रहा है कि यह घटना तब हुई जब वे ऑनलाइन ठगों के झांसे में आकर जयपुर पहुंचे. ठगों ने उन्हें 9 लाख का जनरेटर 3.5 लाख में देने का लालच दिया था. पैसे लूटने के बाद उनकी निर्मम हत्या कर शवों को कुएं में फेंक दिया गया. दुर्गंध आने पर इस सनसनीखेज वारदात का खुलासा हुआ. जानकारी के मुताबिक लूटेरो ने लूट की घटना को अंजाम दिया और उनके शवों को अलग-अलग कुओं में फेंक दिया.
आप को बताते चले कि अशोक सिंह बलिया में भाजपा किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष और एक शोरूम के मालिक थे. उनके शोरूम में कर्मचारी विकास कुमार काम करता था. जानकारी के मुताबिक यह घटना तब हुई जब वे 19 सितंबर 2025 को जयपुर पहुंचे. उन्हें यह लालच दिया गया था कि उन्हें एक महंगा जनरेटर सस्ते में मिल जाएगा. ऑनलाइन ठगों ने यह साजिश रची थी ताकि वे उन्हें लूट सकें. पैसों के लिए उनकी हत्या करने के बाद उनके शवों को कुएं में फेंक दिया गया.
पुलिस के पड़ताल में पता चला है कि ठगों ने अशोक सिंह को एक नौ लाख रुपये की कीमत वाला जनरेटर मात्र 3.5 लाख रुपये में दिलाने का झांसा दिया था. जनरेटर खरीदने के लालच में अशोक सिंह अपने मिस्त्री विकास कुमार के साथ 19 सितंबर को दिल्ली होते हुए राजस्थान के जयपुर पहुंचे. वहां पहुंचने के बाद उनका मोबाइल बंद हो गया, जिससे उनके परिवार की चिंता बढ़ गई. अशोक सिंह के भाई, आईआरएस अधिकारी निर्भय नारायण सिंह ने 21 सितंबर को नई दिल्ली में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.
गुमशुदगी की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने मोबाइल लोकेशन खंगालना शुरू किया, जो राजस्थान के शाहजहांपुर इलाके में सक्रिय पाई गई. बीते मंगलवार की शाम पुलिस को सांसेडी और जौनाचया खुर्द गांव के बीच एक कुएं से तेज दुर्गंध आने की सूचना मिली. जिसके बाद पुलिस ने कुएं से अशोक सिंह का शव बरामद किया वही पास के ही एक और कुएं से उनके कर्मचारी विकास का शव मिला. फिलहाल, पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर साइबर सेल की मदद से ठगों की तलाश शुरू कर दी है.
अशोक सिंह बलिया में दशरथ बजाज एजेंसी के संचालक थे. उनका परिवार प्रयागराज में रहता है, जिसमें उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं. उनके भाई ने बताया कि अशोक ऑनलाइन रिसर्च के दौरान ठगों के संपर्क में आए थे. अशोक सिंह का अंतिम संस्कार लखनऊ के बैकुंठ धाम में किया गया, जबकि विकास कुमार का बलिया में किया गया. पुलिस ने दावा किया कि जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा.