बाढ़ : बाढ़ जिले के अथमलगोला प्रखंड के गंजपर गांव में एक अनोखा मामला सामने आया है. महिला श्रद्धालु मनीषा देवी पिछले चार दिनों से लोहे की कीलों पर लेटी हुई हैं और अपने शरीर पर कलश रखकर बिना भोजन और पानी के नवरात्रि व्रत कर रही हैं.
ग्रामीण और आसपास के गांवों के लोग उनकी सेवा के लिए दिन-रात जुटे हुए हैं. महिलाएं गर्मी में पंखा झल रही हैं और मनीषा देवी के पैरों को सहला रही हैं. बताया गया है कि मनीषा देवी चिलम और गांजा का सेवन भी करती हैं, जबकि पहले उन्होंने कभी नशा नहीं किया था.स्थानीय लोगों के अनुसार, नवरात्र शुरू होने से पहले मनीषा देवी ने कीलों का बिस्तर बनवाया था.दुर्गा स्थान पर कलश लेकर लेटने से मना किए जाने पर उन्होंने सड़क किनारे ही व्रत शुरू कर दिया. मनीषा देवी दावा करती हैं कि उन्हें मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त है और दिन में कई बार अलग-अलग देवताओं के आने की अनुभूति होती है.
उनके भाई कल्लू कुमार ने बताया कि मनीषा पहले कभी गांजा नहीं पीती थीं और कई जगहों पर उनका झाड़-फूंक भी करवाया गया. मनीषा का कहना है कि वह नवरात्रि के सभी नौ दिन इसी कीलों के बिस्तर पर रहकर व्रत करेंगी. स्थानीय लोग इसे भक्ति और अंधविश्वास का मिलाजुला रूप मान रहे हैं, जबकि कई लोग महिला की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर भी चिंतित हैं.