कुचामन में अपहृत बालिका प्रकरण: आरोपी की सूचना पर 1 लाख इनाम, अनिल सिंह मेड़तिया का बड़ा ऐलान

डीडवाना – कुचामन: कुचामन सिटी में नाबालिग बालिका के अपहरण मामले को लेकर सर्व समाज में बढ़ते आक्रोश के बीच गुरुवार को नगर परिषद में नेता प्रतिपक्ष अनिल सिंह मेड़तिया ने आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर बड़ा ऐलान किया. उन्होंने घोषणा की कि जो भी व्यक्ति अपहरणकर्ता की पुख्ता सूचना पुलिस को उपलब्ध करवाएगा, उसे उनके ओर मेड़तिया परिवार की तरफ से 1 लाख का इनाम दिया जाएगा.

“यह समाज की अस्मिता का सवाल है” – अनिल सिंह मेड़तिया

अनिल सिंह मेड़तिया ने इस अवसर पर कहा कि नाबालिग बालिका को बहला-फुसलाकर ले जाना न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि पूरे समाज की अस्मिता पर सीधा प्रहार है. उन्होंने कहा कि “हमारी बेटियों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता. यह किसी एक परिवार का नहीं, बल्कि पूरे समाज का मामला है. यदि हमारी बेटियां सुरक्षित नहीं हैं, तो फिर हम सब असुरक्षित हैं.” उन्होंने पुलिस पर ढिलाई बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि अपहरण को हुए 28 दिन से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन आरोपी अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है. उन्होंने कहा कि “ऐसा लगता है कि पुलिस अपनी जिम्मेदारी निभाने की बजाय मामले को दबाने में लगी हुई है. जब समाज के लोग सड़क पर उतरते हैं, धरना देते हैं, तब पुलिस हर बार आश्वासन देकर मामला शांत करने की कोशिश करती है, लेकिन हकीकत में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.”

राजनीतिक संरक्षण के आरोप और आंदोलन की चेतावनी

मेड़तिया ने कहा कि इसकी भी सच्चाई सामने आनी चाहिए कि क्या अपहरणकर्ता को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने की वजह से गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है या फिर इसको कोई और वजह है? उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द से जल्द पुलिस आरोपी को गिरफ्तार नहीं करती और बालिका को सुरक्षित दस्तियाब नहीं करती है, तो समाज उग्र आंदोलन करने को मजबूर होगा. उन्होंने कहा कि , “अगर पुलिस और प्रशासन अपने कर्तव्य का पालन नहीं करते तो फिर समाज के लोग चुप नहीं बैठेंगे. यह आंदोलन कुचामन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे प्रदेश में गूंजेगा.”

आरोपी कमल

मामले में अब तक की पूरी पृष्ठभूमि

नाबालिग बालिका का अपहरण 27 अगस्त को कुचामन सिटी से हुआ था. पीड़िता के परिजनों की रिपोर्ट पर कमल चौधरी पर नामजद मुकदमा दर्ज हुआ, लेकिन 26 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. समाज की ओर से पहले कई बार ज्ञापन सौंपे गए, शिव मंदिर में बैठकें हुईं और 10 सितंबर को हजारों की भीड़ ने थाने का घेराव कर धरना दिया. बाद में मंत्री विजय सिंह चौधरी और एसपी ऋचा तोमर के आश्वासन पर धरना समाप्त किया गया. हाल ही में गठित संघर्ष समिति ने अजमेर रेंज आईजी से मिलकर ज्ञापन सौंपा और पुलिस पर लापरवाही, जातिवादी कार्यशैली और आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण देने जैसे आरोप लगाए. समाज ने अल्टीमेटम दिया है कि यदि 9 दिन में बालिका बरामद नहीं होती तो यह आंदोलन प्रदेश स्तरीय होगा.

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