रायपुर नगर निगम नेता प्रतिपक्ष संदीप साहू के खिलाफ अनुशासनहीनता का कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। शहर जिला कांग्रेस कमेटी से ओर से जारी नोटिस में संदीप साहू को कहा गया है कि, न तो जिला कांग्रेस के कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं और न ही जिला अध्यक्ष की सूचना पर बैठकों में उपस्थित हो रहे हैं।
नोटिस में संदीप साहू पर आरोप लगा है कि, मंडल गठन की बैठक के दौरान प्रभारी सुनील कुकरेजा की मौजूदगी में संदीप ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक बातें कहीं। संगठन ने इसे गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए 3 दिन में जवाब मांगा है।
4 महिला पार्षदों ने भी नोटिस
वहीं, मंगलवार को रायपुर नगर निगम नेता प्रतिपक्ष को लेकर सभापति ने 5 पार्षदों को बुलाया था। PCC चीफ दीपक बैज ने आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष बनाने कहा था। अभिमत के दौरान 4 महिला पार्षदों ने संदीप साहू को अपना अभिमत दिया। जिससे नगर निगम नेता प्रतिपक्ष की कन्ट्रोवर्सी खत्म नहीं हुई। जिला कांग्रेस की ओर चार महिला पार्षदों से भी जवाब मांगा गया है।
कैसे बन गए संदीप साहू रायपुर निगम के नेता प्रतिपक्ष ?
सभापति सूर्यकांत राठौर ने बताया कि, 23 सितंबर को कांग्रेस के 5 पार्षदों ने बैठक की। इनमें जयश्री नायक, दीप मनीराम साहू, रोनिता प्रकाश जगत, संदीप साहू और रेणु जयंत साहू शामिल थे, जबकि 3 पार्षद अर्जुमन ढेबर, शेख मुशीर और आकाश तिवारी इस बैठक में नहीं थे।
सभापति सूर्यकांत ने बताया कि बैठक में पार्षदों से पूछा गया कि, कांग्रेस का संगठन आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष बनाने के लिए कह रहा है, तो पार्टी के पार्षद इससे इनकार क्यों कर रहे हैं। इस पर पांचों पार्षदों ने कहा कि, हम पार्टी छोड़कर जाने वाले शख्स को नेता प्रतिपक्ष नहीं मानते हैं।
इस दौरान पार्षदों ने सभापति से बताया कि कांग्रेस ने आकाश तिवारी को टिकट नहीं दिया था, तब उन्होंने पार्टी के खिलाफ जाकर निर्दलीय चुनाव लड़ा। बागी नेता को हमारी सहमति नहीं है। हमने पहले भी संगठन को अपना इस्तीफा सौंपा था। पुराने फैसले पर हम अडिग हैं। हमने संदीप साहू को अपना अभिमत दिया है।