उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज का इमरजेंसी वार्ड उस समय सुर्खियों में आ गया जब गंभीर हालत में भर्ती एक मरीज और उसके दो तीमारदारों को आईसीयू वार्ड के अंदर शराब पीते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया गया. अस्पताल जैसे संवेदनशील और गंभीर माहौल को शर्मसार करने वाली इस हरकत ने जहां मरीजों और परिजनों में हड़कंप मचा दिया. वहीं इस घटना ने पूरे मेडिकल प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.
जानकारी के अनुसार, मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी आईसीयू वार्ड में एक एक्सीडेंटल मरीज भर्ती हुआ था. इलाज के नाम पर जहां उसे जिंदगी बचाने की दवा और देखभाल मिलनी चाहिए थी लेकिन वहीं मरीज अपने ही दो तीमारदारों के साथ शराब पीने की जुगाड़ कर बैठा. वार्ड के बीचों-बीच पहले तो बोतलें खुलीं, गिलास टकराए और अस्पताल की हवा में दवाइयों की जगह शराब की गंध फैल गई.
गार्ड ने रंगे हाथ पकड़ा
एक गार्ड ने जानकारी देते हुए बताया जब यह नजारा उसकी नजरों में आया तो उसने तुरंत कार्रवाई की. मरीज और उसके दोनों तीमारदारों को मेडिकल कॉलेज के सुरक्षा गार्डों ने रंगे हाथ पकड़ लिया. उस दौरान वार्ड में मौजूद अन्य मरीज और उनके परिजन यह देख हैरान रह गए. गार्ड ने तीनों को दबोचकर अपने आला अधिकारियों के सामने पेश किया. तलाशी में उनके पास से शराब की बोतलें, खैनी और अन्य नशे का सामान भी बरामद हुआ.
तीमारदार पहुंचे हवालात में
पूरी घटना की सूचना मिलते ही मेडिकल कॉलेज चौकी इंचार्ज मौके पर पहुंचे और दोनों तीमारदारों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. जबकि मरीज को उसकी हालत को देखते हुए आईसीयू में ही रखा गया. पुलिस ने मौके से बरामद शराब और सामान को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है. अब यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इतनी सख्त निगरानी वाले आईसीयू में शराब अंदर कैसे पहुंची?
मेडिकल कॉलेज के सीएमएस ने दी सफाई
मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ. सचिन माहौर ने इस पूरे प्रकरण की पुष्टि करते हुए कहा कि घटना बेहद शर्मनाक और अस्वीकार्य है. उन्होंने बताया कि गार्ड की सतर्कता से मामला पकड़ा गया और शराब पीने वाले लोगों को तत्काल पुलिस को सौंप दिया गया. साथ ही, अस्पताल प्रशासन इस बात की जांच भी कर रहा है कि आखिर अस्पताल परिसर में शराब कैसे पहुंची.