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BSF की मादा डॉग रिया ने विदेशी नस्लों को हराया, पुलिस मीट में जीती ट्रॉफी

पीएम नरेन्द्र मोदी के वोकल फॉर लोकल मंत्र को देश की इकलौती बीएसएफ अकादमी ने साकार करके दिखाया है। बीएसएफ के राष्ट्रीय कुत्ता प्रशिक्षण केंद्र के बेड़े में भारतीय नस्ल के कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसी केंद्र में मुधौल हाउंड नस्ल की रिया कुत्ता को प्रशिक्षित किया गया, जिसने 67वीं ऑल इंडिया पुलिस डयूटी मीट कुत्ता प्रतियोगिता में ट्रॉफी अपने नाम की थी।

360 डिग्री पर देखने की क्षमता

विदेशी नस्ल के कुत्तों को पछाड़कर पहली बार भारतीय नस्ल की रिया ने 89.50% अंक प्राप्त किए। बता दें कि कर्नाटक के मुधौल से निकली इस मूलत: भारतीय नस्ल के कुत्ता 360 डिग्री पर देखने की क्षमता रखते हैं। इसी वजह से इस नस्ल को साइट हाउंड कहा जाता है। पतला शरीर और गजब की फुर्ती के दम पर ये बेहतरीन शिकारी होते हैं। इन्हीं विशेषताओं के कारण ट्रेनिंग सेंटर ने मुधौल हाउंड को प्रशिक्षण के लिए चुना।

ड्रोन डिटेक्टर कुत्ता भी हो चुका है प्रशिक्षित

उल्लेखनीय है कि जर्मन शेफर्ड जैसी विदेशी नस्ल के मुकाबले मुधौल हाउंड आधे समय में ही काम कर लेता है। सीमा सुरक्षा बल की टीम ने इतिहास रचते हुए अन्य सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फ़ोर्स और स्टेट पुलिस द्वारा विदेशी नस्ल जर्मन शेफर्ड, बेल्जियम शेफर्ड, लेब्राडोर, गोल्डन रिट्रीवर और कॉकर स्पेनियल के समक्ष चुनौतियां प्रस्तुत करते हुए स्वदेशी नस्ल की रिया को उतारा गया। बीएसएफ अकादमी के राष्ट्रीय कुत्ता प्रशिक्षण केंद्र ने देश का पहला और इकलौता ड्रोन डिटेक्टर कुत्ता भी प्रशिक्षित किया है।

तस्करी रोकने के लिए प्रशिक्षित कुत्ता

दुनिया में इजरायल और अमेरिका के बाद भारत ऐसे देशों की श्रेणी में आ गया है जिनके पास ड्रोन के जरिए बॉर्डर पर नशीले पदार्थ और हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए प्रशिक्षित कुत्ता है। जर्मन शेफर्ड नस्ल की चार साल की मादा कुत्ता है, जो पाकिस्तान से सटे वाघा बार्डर पर तैनात हो चुकी है। ड्रोन डिटेक्शन के लिए विशेष तरह की दो माह की फील्ड और अकादमी ट्रेनिंग के बाद यह कुत्ता तैयार हुआ है। देशभर में ऐसे कुत्तों की मांग बढ़ रही है।

 

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