गाजीपुर : स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर है लेकिन स्कूल प्रशासन है कि इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है शायद यही कारण है कि गाजीपुर में निजी विद्यालयों में आज भी 180 से ऊपर वाहन बगैर फिटनेस के चल रहे हैं यानी कि यह सभी वहां छात्रों के जीवन के लिए खतरनाक है कभी भी घटना दुर्घटना कर सकती हैं लेकिन स्कूल प्रशासन है कि इस अनदेखी करता जा रहा है लेकिन अब ए आरटीओ विभाग ऐसे वाहनों पर शिकंजा कसने का काम कर रहा है.
गाजीपुर जनपद के निजी विद्यालयों में एक दो नहीं बल्कि 1727 स्कूली वाहन संचालित होते हैं जो एआरटीओ में रजिस्टर्ड है जबकि बहुत सारे ऐसे भी वाहन है जो एआरटीओ से संबंध नहीं है ऐसे में पिछले दिनों आरटीओ ने करीब 300 स्कूली वाहनों को नोटिस जारी किया था जिनका फिटनेस खत्म हो गया था इसके बाद बहुत सारे विद्यालय प्रबंधकों ने अपने-अपने वाहनों का फिटनेस तो कर लिया लेकिन अभी भी 180 से ऊपर ऐसे वाहन है जिनका फिटनेस आज तक नहीं हुआ है.
जिसको लेकर एआरटीओ धनवीर यादव के द्वारा अब लगातार ऐसे वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है ताजा आंकड़ों की बात माने तो आरटीओ विभाग ने 58 फिटनेस फेल स्कूली वाहनों का चालान भी कर चुका है.
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि निजी विद्यालयों में स्कूली वाहनों के अलावा टेंपो ई रिक्शा सहित ऐसे कई वाहन भी संचालित होते हैं जो छात्रों के जीवन के लिए काफी खतरनाक होते हैं फिर भी विद्यालय प्रबंधक ऐसे वाहन में अपने स्कूली बच्चों को आने-जाने पर रोक नहीं लग रहे हैं.
कुछ ऐसा ही हाल नगर में संचालित होने वाले कई विद्यालयों पर भी देखने को मिला जहां विद्यालय की छुट्टी होने के बाद उनके स्कूली वाहन के अलावा टेंपो,ई रिक्शा और अन्य वाहनों में छात्रों को आने जाने का क्रम जारी रहा हालांकि एक विद्यालय प्रबंधन के द्वारा उनके स्कूली बस और अन्य वाहनों के वीडियो बनाने पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा यह उनका निजी प्रॉपर्टी है आप कौन होते हैं दखलअंदाजी करने वाले.