करौली: मौसल पुरिया के न का पुरा गांव की लगभग 200 घरों की आबादी आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. पंचायत मुख्यालय महमदपुर तक पहुंचने के लिए महज 1.5 किलोमीटर का कच्चा रास्ता ही उनका एकमात्र सहारा है. बरसात के दिनों में इस रास्ते पर जलभराव और कीचड़ के कारण आवागमन ठप हो जाता है, जिससे ग्रामीणों का मुख्यालय से संपर्क टूट जाता है. पक्की सड़क की मांग को लेकर पिछले 5 साल से प्रशासन से गुहार लगा रहे ग्रामीणों का सब्र अब जवाब दे रहा है.
शुक्रवार को नाराज ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर अपना आक्रोश जताया. प्रदर्शन में शामिल रामवीर गुर्जर, हेतराम, श्यामवीर, वार्ड पंच नाहर सिंह मीणा और रमन ने बताया कि कच्चा रास्ता बारिश में पूरी तरह बंद हो जाता है, जिससे राशन, चिकित्सा और अन्य जरूरी कार्यों के लिए मुख्यालय तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है.
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पंचायत प्रशासन और पीडब्ल्यूडी को कई बार समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने तत्काल 1.5 किलोमीटर लंबी पक्की सड़क निर्माण की मांग की है.
अतिक्रमण से और बढ़ी समस्या
मौसलपुर की जाटव बस्ती से मौसल पुरिया न का पुरा तक के इस रास्ते पर अतिक्रमण के कारण चौड़ाई भी कम हो गई है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की अनदेखी के चलते न केवल सड़क कच्ची बनी हुई है, बल्कि अतिक्रमण ने भी परेशानी बढ़ा दी है. पक्की सड़क बनने से 200 घरों की आबादी को बड़ी राहत मिल सकती है.
पंचायत का जवाब: बजट की कमी
ग्राम विकास अधिकारी अतर सिंह ने स्वीकार किया कि कच्चा रास्ता ग्रामीणों के लिए परेशानी का कारण है, लेकिन पंचायत के पास 1.5 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए पर्याप्त बजट नहीं है. उन्होंने कहा कि समस्या को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा।ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सड़क निर्माण शुरू नहीं हुआ, तो वे और बड़ा आंदोलन करेंगे. यह मामला अब प्रशासन के लिए गंभीर चुनौती बन गया है.
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