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25% शुल्‍क हटाओ… US ने भी रखी ये मांग, टैरिफ टेंशन के बीच ट्रेड डील पर बड़ा अपडेट!

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने पेटेंट और ब्रांडेड दवाओं के आयात पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जो 1 अक्‍टूबर से लागू होंगे. वहीं फर्नीचर पर भी 50 फीसदी का टैरिफ लगाया है. इस बीच, भारत-अमेरिका व्‍यापार समझौते को लेकर एक बड़ा अपडेट आया है.

भारत के वाणिज्य मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, वाणिज्‍य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्‍यक्षता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने 22-24 सितंबर 2025 तक अमेरिका के साथ कई बैठकें कीं. जिसमें दोनों पक्षों की तरफ से पॉजिटिव रिएक्‍शन आए हैं और ऐसा माना जा रहा है कि जल्‍द ही दोनों पक्षों की तरफ से टैरिफ कम करने पर सहमति बन सकती है.

इस बैठक में केंद्रीय मंत्री ने प्रमुख अमेरिकी व्यवसायों और निवेशकों के साथ बातचीत करने के अलावा, अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि राजदूत जैमीसन ग्रीर और भारत में अमेरिकी राजदूत-पदनाम सर्जियो गोर से भी मुलाकात की.

दोनों देशों के बीच जल्‍द डील के लिए बातचीत 
बयान में अमेरिकी सरकार के साथ हुई बातचीत को ‘रचनात्मक’ बताया गया, जिसमें दोनों पक्षों ने एक नए व्यापार समझौते की संभावित रूपरेखा पर विचार किया है. अधिकारियों ने यह स्‍पष्‍ट किया है कि जल्‍द ही दोनों पक्षों के बीच लाभकारी समझौते पर पहुंचने के लिए बातचीत होगी. अमेरिकी व्यवसायों के साथ बातचीत को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, कई कंपनियों के लीडर ने भारत की विकास में अपना विश्‍वास दिखाया है और देश में परिचालन का विस्तार करने की इच्छा व्यक्त की.

भारत ने अमेरिका से रखी ये मांग 
सरकारी अधिकारियों ने बिज़नेस टुडे टीवी को यह भी बताया कि बातचीत अभी भी जारी है. भारत के व्यापार मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि पॉजिटिव बातचीत हो रही है. भारत ने 25% टैरिफ हटाने की मांग रखी है, जबकि वाशिंगटन नई दिल्ली पर अमेरिका के साथ अपने ऊर्जा व्यापार का विस्तार करने का दबाव बना रहा है.

फार्मा Tariff पर मंत्रालय ने क्‍या कहा? 
मंत्रालय की ओर से आए बयान में फार्मा पर नए टैरिफ को लेकर कहा गया है कि हम भारत के दवा क्षेत्र पर संभावित प्रभावों का भी अध्ययन कर रहे हैं, हालांकि स्पष्टता पूर्ण दस्तावेज जारी होने का इंतजार है. व्यापार को लेकर आशावादी होने के बावजूद, भू-राजनीतिक स्थितियां व्‍यापार वार्ता को प्रभावित कर सकती हैं. भारत वाशिंगटन के सबसे करीबी साझेदारों में से एक बना हुआ है, फिर भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नई दिल्ली पर रूसी तेल आयात पर अतिरिक्त शुल्क लगा दिए हैं.

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