Left Banner
Right Banner

श्योपुर फूटा जनआक्रोश: जिला अस्पताल की लापरवाही पर कलेक्ट्रेट में उमड़ी भीड़

श्योपुर : जिले के नागरिकों का आक्रोश शुक्रवार को सड़कों पर फूट पड़ा.दोपहर करीब तीन बजे बड़ी संख्या में लोग स्टेडियम परिसर पर एकत्रित हुए और पैदल मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे.यहां उन्होंने जिला अस्पताल श्योपुर की अव्यवस्थाओं, भ्रष्टाचार और मरीजों के परिजनों के साथ हुए दुव्यवहार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और कलेक्टर अर्पित वर्मा व पुलिस अधीक्षक सुधीर अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा.

नागरिकों ने अपने ज्ञापन में दिनांक 20 सितंबर की रात जिला अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में मरीज रीना आशीष मीणा के इलाज के दौरान बरती गई लापरवाही, प्रबंधन के दुव्यवहार का मुद्दा उठाया.उनका आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने अपनी कमियों को छिपाने और जनता की आवाज दबाने के लिए दो दिन बाद ही झूठी FIR क्रमांक 0220/2025 दर्ज करवाई है। इसमें मरीज के परिजनों आशीष मीणा, रीना के देवर सहित एक अन्य को बेवजह आरोपी बनाया गया.

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ पहले भी शिकायतें उठती रही हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होती.कई बार चिकित्सक ड्यूटी के दौरान अनुपस्थित पाए जाते हैं और विरोध करने वालों को झूठे मुकदमों में फंसाने का प्रयास किया जाता है.नागरिकों ने इस FIR की निष्पक्ष जांच कराने, दोषी अस्पताल प्रबंधन और आरक्षक सुरेन्द्र के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.साथ ही सिविल सर्जन आर.बी. गोयल की भूमिका पर भी सवाल उठाए और कहा कि लंबे समय से जिले में पदस्थ होकर वे व्यवस्थाओं को सुधारने में नाकाम रहे हैं.

कलेक्ट्रेट पहुंचे इस प्रदर्शन में विधायक बाबू जंडेल, जनपद अध्यक्ष रीना आशीष मीणा, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नीतू सीकरवार, दौलतराम गुप्ता सहित बड़ी संख्या में आमजन शामिल हुए.नागरिकों ने कहा कि जिला अस्पताल नाम मात्र का अस्पताल बनकर रह गया है और आमजन निरंतर इसकी अव्यवस्थाओं से त्रस्त हैं.

आक्रोशित भीड़ ने कलेक्ट्रेट परिसर में जमकर नारेबाजी की और चेतावनी दी कि यदि दोषियों पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा.ज्ञापन की प्रतियां गृह मंत्री, पुलिस महानिदेशक और आईजी ग्वालियर चंबल रेंज को भी भेजी गई हैं.

कुल मिलाकर नागरिकों ने साफ कहा कि जिला अस्पताल को भ्रष्टाचार मुक्त, सुरक्षित और पारदर्शी स्वास्थ्य सुविधा केंद्र बनाने के लिए प्रशासन को कठोर कदम उठाने होंगे, अन्यथा जिले की जनता चुप नहीं बैठेगी.

 

Advertisements
Advertisement